पर्यटन नगरी बारसूर में संस्थागत सुरक्षित 40 प्रसव कराए गए
कम सुविधा के बावजूद सुरक्षित प्रसव को लेकर बढ़ा भरोसा, सबसे अधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की हैं माताएं
कम सुविधा के बावजूद सुरक्षित प्रसव को लेकर बढ़ा भरोसा
बारसूर . दंतेवाड़ा जिले के पर्यटन नगरी बारसूर ऐसे तो अलग ही पहचान बना हुआ है, लेकिन इस बस्तर की पावन भूमि पर और एक भगवान की कृपा है, जो बस्तर संभाग में नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य में ऐसा पहला अस्पताल है जो कम सुविधा होने के बावजूद भी नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के गर्भवती माताओं को किसी तरह 102की मदद से बारसूर अस्पताल तक पहुंचाने से डिलवरी करा जाता है, आप को बता दें कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद बारसूर में एक ही माह अप्रैल में कुल 40 सुरक्षित संस्थागत प्रसव कराया गया। जिसमें सबसे सरल स्वभाव व मिलनसार चिकित्सा अधिकारी डॉ गणेश बाबू है जो कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं,और आज भी लोग कभी किसी भी क्षेत्रों के ग्रामीणों को इलाज करने के लिए मना नहीं किया करते है, वहीं इस बात पर बारसूर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ गणेश बाबू से चर्चा में बताया कि उनके पास एक सकारात्मक सोच के साथ स्टाफ नर्स व एएनएम की टीम भी मौजूद है जो कि प्रसव ही नहीं हर चिजों में कंधा से कंधा मिलाकर काम कर रही है,।
डॉक्टर गणेश ने बारसूर चिकित्सा टीम की सराहनीय कार्य को बताया और दंतेवाड़ा जिले ही नहीं बल्कि बस्तर के लिए गौरवशाली बताया है। गौरतलब है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद बारसूर में मरीजो के लिए 24 घंटे सेवा उपलब्ध रहती है। जिस कारण आमजन का भरोसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारसूर के लिए बढ़ा है। डॉ गणेश बाबू ने ने कहा की कोशिश करेंगे कि प्रत्येक माह इसी तरह संस्थागत प्रसव हो जिससे कि सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा मिले साथ ही शासकीय योजनाओं का लाभ आमजन को मिल सके।
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