urban forest : शहर की टेलीकॉम फैक्ट्री की भूमि को शहरी वन के रूप में मास्टर प्लान में शामिल करवाने की प्रक्रिया टीएंडसीपी ने शुरू की है। इस प्रस्ताव पर वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगा है। ज्ञात हो कि मास्टर प्लान के तहत इस जगह पर शहरी वन और इकोलॉजी या नेचर पार्क बन सकता है। पत्रिका ने भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था।
नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच की तरफ से इस जगह को मास्टर प्लान में शामिल करने के लिए प्रस्ताव टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग को दिया गया है। इस पर विभाग ने प्रक्रिया शुरू की है। इसमें वरिष्ठों से मार्गदर्शन चाहा गया है कि प्रस्ताव को कौन से फार्मेट में प्रस्तुत किया जाए। ज्ञात हो कि जबलपुर का मास्टर प्लान आना बाकी है। अभी तक पुराने मास्टर प्लान के आधार पर सारे काम चल रहे हैं।
urban forest : कानूनी अड़चन नहीं
मंच के डॉ. पीजी नाजपांडे तथा रजत भार्गव ने बताया कि वर्ष 2021 के वर्तमान मास्टर प्लान में जबलपुर में नगरीय वन (अर्बन फारेस्ट) जीव उद्यान (इकोलॉजीकल पार्क) तथा पक्षी अभ्यारण्य बनाने का प्रावधान है। इसलिए जो प्रस्ताव भेजा जा रहा है उसमें किसी प्रकार की कानूनी अड़चन नहीं आएगी।
urban forest : हो जाएगी हरियाली चौपट
जानकारों का कहना है कि यहां कमर्शियल या रेसिडेंशियल उपयोग करने से हरियाली चौपट हो जाएगी। इसके चलते शहर के मध्य हिस्से में ऑक्सीजन जोन खत्म हो जाएगा। पेड़ कटने के साथ ही इस एरिया में वायु की गुणवत्ता खराब हो जाएगी और कांक्रीट का नया जंगल पैदा हो जाएगा। नए मास्टर प्लान को जल्द लाकर इसमें फैक्ट्री की भूमि को शामिल किया जाना चाहिए।
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