खतरे का संकेत
नगर निगम हवा में घुल रहे धूल के कणों की रोकथाम के लिए नहीं उठा रहा कदमशहर में तीसरे दिन भी खतरनाक स्तर पर प्रदूषण का स्तरशहर की आबोहवा में धूल और प्रदूषण का स्तर तीसरे दिन भी खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। पिछले दो दिनों से एक्यूआई का स्तर भी पुअर श्रेणी में बना हुआ है। इसके बावजूद पीएम 2.5 और पीएम 10 स्तर के अतिसूक्ष्म धूल के कणों से बढ़ रहे वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
बच्चों-बूढ़ों पर अधिक असर
पर्यावरणविदों का कहना है कि पीएम 2.5 का स्तर ज्यादा होने पर धुंध बढ़ती है। इससे दृश्यता कम हो जाती है। डॉक्टरों की मानें तो धूल के ये कण सांस लेते समय शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इससे सांस लेने में परेशानी होती है। अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर बढऩे का सबसे बुरा असर बच्चों और बुजुर्गों पर पड़ता है।
पीएम 10 231 (अस्वास्थ्यकर)
एक्यूआई 192 (पुअर) 24 नवम्बर पीएम 2.5 111 (पुअर)
पीएम 10 284 (अस्वास्थ्यकर)
एक्यूआई 160 (पुअर