विश्वविद्यालय द्वारा नई व्यवस्था छात्रों पर थोप दी गई। प्रवेश प्रक्रिया का पर्याप्त प्रचार-प्रसार नहीं किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, छात्रों को यह जानकारी नहीं मिल पा रही है कि प्रवेश के लिए कौन सी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इसके अलावा, विश्वविद्यालय में हेल्प डेस्क की कमी भी छात्रों की समस्याओं को और बढ़ा रही है। छात्रों को अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करने के लिए कोई निश्चित स्थान नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी परेशानियाँ और बढ़ गई हैं। इस मामले को लेकर प्रवेश समिति और रादुविवि का ऑनलाइन सेंटर एक दूसरे पर पल्ला झाड़ने में लगे हैं।
1265 स्नातक स्तर पाठ्यक्रम
955 सीट स्नातक स्तर की
310 सीट डिप्लोमा और सर्टिफिकेट
50 फीसदी हायर एजुकेशन
50 फीसदी यूटडीडी स्तर पर यह लापरवाही
छात्रों के लिए नहीं बनी हेल्प डेस्क
नई व्यवस्था से शिक्षको को नहीं किया ट्रेंड
ऑनलाइन सेंटर में नहीं व्यवस्थाएं
विवि में ट्रेंड अमले का आभाव
छात्र रजनीश मलहोत्रा ने बताया कि प्रवेश प्रक्रिया को इतना पेंचीदा बना दिया गया है कि किस माध्यम से इसकी जानकारी ली जाए समझ में नहीं आती। जब वे रादुविवि के ऑनलाइन सेंटर पहुंचे तो यहां जिमेदारों ने एमपीऑनलाइन जाने का दो टूक जवाब दे दिया। ऐसे ही एक अन्य अभिभावक संदीप कश्यप भी अपनी बेटी के प्रवेश से जुड़ी जानकारी के लिए विवि पहुंचे लेकिन यहां कोई भी मदद नहीं मिली। अब उन्होनें निजी कॉलेज में प्रवेश दिलाने का मन बनाया है।