जबलपुर। स्वदेशी बोफोर्स धनुष तोप में चीन की बेयरिंग लगाने के मामले मेंं दोषी अधिकारी की पहचान कर ली गई है। सूत्रों के मुताबिक घोटाले की जांच के लिए आई सीबीआई की टीम ने इस मास्टर माइंड अधिकारी की पहचान कर ली है, लेकिन इसका नाम अभी गुप्त रखा गया है। इस बीच चार दिन की जांच के बाद गुरुवार को टीम दिल्ली लौट गई।
मिली अहम जानकारी
सीबीआई टीम ने चार दिन तक धनुष इंटीग्रेटेड सेंटर और प्रशासनिक भवन में गहन जांच की। इस दौरान संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की गई। जांच टीम खरीदी से जुडे़ दस्तावेज अपने साथ ले गई है। गौरतलब है कि सीबीआई ने दिल्ली में सिद्ध सेल्स सिंडिकेट नाम की कंपनी और जीसीएफ के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। कहा गया कि धनुष तोप के लिए कंपनी ने मेड इन जर्मनी बताकर चीन में बनी वायर रेस रोलर बेयरिंग सप्लाई कर दी थी। कंपनी ने फैक्टी के अधिकारियों के साथ मिलकर नकली कजपुर्जों के लिए जालसाजी की थी। इस में आपराधिक प्रकरण एवं धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था।
तोप खोलकर की जांच
बीते सोमवार को सीबीआई की टीम ने जीसीएफ में दबिश दी थी। टीम ने खरीदी से जुडे़ दस्तावेजों को जब्त किया था। हजारों पन्नों के दस्तावेजों की फोटोकॉपी की गई। धनुष के कारखानों का कई बार जायजा लिया। जीसीएफ के अधिकारियों से पूछताछ भी की। उनसे पूछा गया कि आपत्ति के बाद भी किस तरह बेयरिंग की खरीदी कर ली गई। गुरुवार को टीम धनुष इंटीगे्रटेड सेंटर पहुंची। उन तोप को खोला गया, जिनमें मेड इन जर्मनी की जगह चीनी बेयरिंग लगी थीं। टीम के सदस्यों ने उनकी फोटो खींची। टेंडर के बाद बेयरिंग का नम्बर दिया गया था। उसका मिलान किया। इन सभी तथ्यों को टीम ने रिपोर्ट में शामिल किया।
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