पुरुष और महिला के लिए हो एक ही मानदंड – जस्टिस नागरत्ना
जस्टिस नागरत्ना (Justice BV Nagaratna) ने जिला कोर्ट की टारगेट यूनिट पर असहमति जताते हुए कहा कि आप जिला कोर्ट के लिए टारगेट यूनिट कैसे बना सकते है? उन्होंने कहा कि महिलाओं अगर शारीरिक या मानसिक रूप से पीड़ित है, तो उन्हें मत कहिए कि वह धीमी हैं या उन्हें घर भेज दीजिए। जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि यह मानदंड सभी पुरुष जजों और न्यायिक अधिकारीयों के लिए भी होना चाहिए क्योंकि हम सब भी जानते है कि क्या होता है।’ यह भी पढ़े – दिसंबर में 7 दिन बंद रहेंगे बैंक, जारी रहेंगी ऑनलाइन सेवाएं ये है पूरा मामला ?
इस मामले की जड़ साल 2023 जून में मध्य सरकार का वह आदेश है। जिसमें मध्य प्रदेश राज्य न्यायिक सेवा के सिविल जज, वर्ग- II (जेआर डिवीजन) की सेवा समाप्त करने का आदेश जारी किया गया था। इसमें कुल 6 महिला जजों को राज्य के विधि विभाग ने प्रशासनिक समिति और पूर्ण न्यायालय की बैठक में प्रोबेशन पीरियड के दौरान उनका प्रदर्शन असंतोषजनक पाए जानें की वजह बर्खास्त करने का आदेश दिया गया था।