scriptpitru paksha 2017 पितृपक्ष में इसलिए गयाजी में किया जाता है पिंडदान, आप भी जानें इसका रहस्य | pitru paksha 2017 secrets and facts in india | Patrika News
जबलपुर

pitru paksha 2017 पितृपक्ष में इसलिए गयाजी में किया जाता है पिंडदान, आप भी जानें इसका रहस्य

देश में कई नदियों के किनारे पिंडदान किया जाता है, लेकिन सबसे अधिक पुण्य गया में पिंडदान करने से मिलता है

जबलपुरAug 19, 2017 / 03:05 pm

Lalit kostha

Pitru Paksha

Pitru Paksha date time

जबलपुर। नदियों के किनारे पिंडदान करने की परंपरा सनातन काल से चली आ रही है। देश में कई नदियों के किनारे पिंडदान किया जाता है, लेकिन सबसे अधिक पुण्य गया में पिंडदान करने से मिलता है। कहा जाता है यहां भगवान श्री राम ने अपने पिता दशरथ की आत्म शांति के लिए पिंडदान किया था। गरूड़ पुराण में लिखा गया है कि गया जाने के लिए घर से निकलने पर चलने वाले एक-एक कदम पितरों के स्वर्गारोहण के लिए एक-एक सीढ़ी बन जाता है। जबलपुर व प्रदेश के कई जिलों के हजारों लोग माँ नर्मदा में पिंडदान करते हैं। कहा जाता है की इन्द्र ने सबसे पहले अपने पितरों को मोक्ष भेजने के लिए यही नर्मदा में पिंडदान किया था।

READ MUST- surya grahan 2017 सूर्य ग्रहण के अनसुने रहस्य, जिन्हें जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान 

आचार्य सत्येंद्र स्वरुप शास्त्री बताते हैं कि विष्णु पुराण के अनुसार गया में पिंडदान करने से पूर्वजों को मोक्ष मिल जाता है। यहां पिंडदान करने से पूर्वज स्वर्ग चले जाते हैं। स्वयं विष्णु यहां पितृ देवता के रूप में मौजूद हैं, इसलिए इसे पितृ तीर्थ भी कहा जाता है। फल्गु नदी के तट पर पिंडदान किए बिना पिंडदान हो ही नहीं सकता।

ये है गया का महत्व

आचार्य विनोद शास्त्री बताते हैं कि पुराणों के अनुसार भस्मासुर के वंश में गयासुर नामक राक्षस ने कठिन तपस्या कर ब्रह्माजी को प्रसन्न किया। उसने यह वर मांगा कि उसका शरीर देवताओं की तरह पवित्र हो जाए। उसके दर्शन से सभी पाप मुक्त हो जाएं। ब्रम्हाजी से वर प्राप्त होने के बाद लोग पाप करने के बाद भी गयासुर के दर्शन करके स्वर्ग पहुंच जाते थे। जिससे स्वर्ग पहुंचने वालों की संख्या तेजी से बढऩे लगी। इस समस्या से बचने के लिए देवताओं ने यज्ञ के लिए पवित्र स्थल की मांग गयासुर से की। गयासुर ने अपना शरीर देवताओं को यज्ञ के लिए दे दिया। जब गयासुर लेटा तो उसका शरीर पांच कोस तक फैल गया। इससे प्रसन्न देवताओं ने गयासुर को वरदान दिया कि इस स्थान पर जो भी तर्पण करने पहुंचेगा उसे मुक्ति मिलेगी।

READ ALSO- Ganesh Chaturthi गणेश जी के इन मन्त्रों का जाप करेगा धन की बारिश, मिलेगी संपदा


विदेशों से आते हैं पिंडदान करने

पितरों के तर्पण के लिए विश्व में मात्र गया जी का नाम ही पुराणों में आता है। इससे यहां प्रतिवर्ष लाखों लोग पिंडदान करने पहुंचते हैं। देश के अलावा विदेशों से भी लोग यहां पिंडदान के लिए पहुंचते हैं।

यहां करते हैं पिंडदान

– बद्रीनाथ: बद्रीनाथ जहां ब्रह्मकपाल सिद्ध क्षेत्र में पितृदोष मुक्ति के लिए तर्पण का विधान है।
– हरिद्वार: यहां नारायणी शिला के पास लोग पूर्वजों का पिंडदान करते हैं।
– गया: यहां साल में एक बार 16 दिन के लिए पितृ-पक्ष मेला लगता है। कहा जाता है पितृ पक्ष में फल्गु नदी के तट पर विष्णुपद मंदिर के करीब और अक्षयवट के पास पिंडदान करने से पूर्वजोंं को मुक्ति मिलती है।

Hindi News/ Jabalpur / pitru paksha 2017 पितृपक्ष में इसलिए गयाजी में किया जाता है पिंडदान, आप भी जानें इसका रहस्य

ट्रेंडिंग वीडियो