जबलपुर/कटनी। कटनी के बरही नगर में एक महिला को पैदल चलते-चलते प्रसव पीड़ा हुई। उसने चलते-चलते ही शिशु को जन्म दे दिया। शिशु जन्मते ही सड़क पर गिरा, जिससे उसके प्राण निकल गए। सड़क पर तड़पती सद्य: प्रसूता और रक्त रंजित पड़े शिशु को देखकर लोगों की रूह कांप गई। यह बात अलग है कि जिनके पास पीडि़तों को राहत पहुंचाने का जिम्मा है, वह एम्बुलेंस चालक हाथ देने के बाद भी नहीं रुका। यह घटना बरही के वार्ड क्रमांक सात में सोमवार को हुई। स्थानीय लोगों ने प्रसूता को जैसे-तैसे अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में उसका इलाज जारी है।
अचानक हुई प्रसव पीड़ा
जानकारी अनुसार बरही थाना क्षेत्र के ग्राम बरमानी निवासी बीना बाई अपने पति रामफल आदिवासी के साथ सोमवार को बाजार में खरीदी करने बरही आई थी। निम्न आय वर्ग से ताल्लुकात रखने वाली बीना गर्भवती थी। बरही से बाजार करने के बाद उसे मायके जाजागढ़ जाना था। बाजार करने के बाद पति ने बस स्टैंड पहुंचने को कहा और कुछ सामान खरीदने चला गया। बीना बाजार से पैदल बस स्टैंड जा रही थी, तभी अचानक उसे प्रसव पीड़ा हुई और उसने शिशु को जन्म दे दिया। एकाएक हुए प्रसव की वजह से शिशु जमीन पर गिर गया और चोट लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
नहीं रुकी एम्बुलेंस
रास्ते में प्रसव के बाद लोगों की भीड़ लग गई। 108 एंबुलेंस को बुलवाते हुए महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरही में भर्ती कराया गया, जहां उपचार जारी है। रामफल ने बताया कि प्रसव के तुरंत बाद रास्ते से गुजर रही एक एंबुलेंस के चालक से मदद मांगी गई लेकिन उसने अस्पताल जाने से मना कर दिया। बाद में स्थानीय लोगों ने दूसरी एंबुलेंस से उसे अस्पताल पहुंचाया। बीएमओ डॉ. राममणि पटेल का कहना है कि महिला को समय से पहले प्रसव हो गया है। बीना को प्रसव 10 नंवबर तक होना था।
इधर भी नहीं नहीं मिली एंबुलेंस
लापरवाही एक नमूना कन्हवारा स्वास्थ्य केंद्र में में भी सामने आया। यहां प्रसव के बाद गंभीर जननी को जिला अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन उसे एंबुलेंस नसीब नहीं हुई। परिजन उसे ड्रिप लगी हुई हालत में ऑटो पर लेकर जिला अस्पताल पहुंचे। जानकारी अनुसार लतामंजु पति कोमल गोंटिया 22 साल निवासी कान्हवारा को प्रसव पीड़ा होने पर सोमवार को कान्हवारा स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया। प्रसव के बाद उसकी हालत बिगड़ गई। प्रसूता की हालत गंभीर देखते हुए चिकित्सक ने जिला अस्पताल रैफर कर दिया। दो से तीन घंटे तक जननी एक्सप्रेस, 108 एम्बुलेंस आदि के लिए परिजन परेशान होते रहे। हालज ज्यादा नाजुक होने पर ग्लुकोज की बॉटल चढ़ते हुए उसे ऑटो में लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, जहां उपचार जारी है।
यहां 5 घंटे तड़पी गर्भवती
कटनी सिविल अस्पताल में भी संवेदनहीनता का एक मामला सामने आया। बताया गया है कि विजयराघवगढ़ खरखरी निवासी राजकुमारी गौड़ पति संतोष गौड़ को सोमवार सुबह पेट में अचानक दर्द उठा था। पति व आशा कार्यकर्ता के साथ वह सुबह 11 बजे विजयराघवगढ़ स्थित शासकीय अस्पताल में पहुंची तो उसे खून की कमी होना बताया गया। इसके साथ ही डॉक्टरों ने उसे कटनी अस्पताल जाने के लिए पर्चा का बना दिया। राजकुमारी पति और आशा कार्यकर्ता के साथ विजयराघवगढ़ से कटनी बस स्टैंड तक बस व बस स्टैंड से आटो पर सवार होकर दोपहर 3 बजे अस्पताल पहुंची। यहां डॉक्टर ने जांच कर भर्ती करने के लिए बोल लिया।
दर्द लेकर ही लौटी
बताया गया है कि आशा कार्यकर्ता, राजकुमारी को लेकर अंदर प्रसूता वार्ड में पहुंची तो देखते ही उसे दबाहर कर दिया गया। वह दर्द से कराहती और तड़पती रही, लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी। रात करीब 8 बजे तक वह इसी हाल में अस्पताल में बैठी रही। किसी का दिल नहीं पसीजा तो अंत में वह पति और आशा कार्यकर्ता के साथ मायूस होकर वापस घर लौट गई।
Hindi News / Jabalpur / चलते-चलते महिला ने जन्मा बच्चा, जमीन पर गिरते ही मौत, कांप गई देखने वालों की रूह