यह है पूरा मामला
बात कुछ ऐसी है कि
अनूपपुर के भालूमाड़ा में अखिलेश पांडे नाम के व्यक्ति ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। याचिका में उसने बताया कि वह जब कंपनी का ट्रक लेकर भालूमाड़ा गांव से निकल रहा था तब उसे गांववालों ने उसे रोक लिया। इस दौरान भालूमाड़ा थाने के आरक्षक मकसूदन सिंह मौके पर पहुंचे और 5 हज़ार रुपए की घूस की मांगी की। रिश्वत की मांग पूरी न करने पर विवाद बढ़ने लगा और फिर टीआई आरजे धारिया वहां पहुंचे। उन्होंने अखिलेश के साथ मारपीट की और खुद अपनी वर्दी फाड़कर अखिलेश पर झूठा केस दर्ज कर दिया।
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अखिलश की याचिका पर सुनवाई शुरु हुई जिसमे अखिलेश ने राइट टू इनफार्मेशन अधिकार का इस्तेमाल कर घटना की सीसीटीवी वीडियो निकाल ली। इस वीडियो को जब कोर्ट ने देखा तब सारी सच्चाई स्पष्ट हो गई। मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने पुलिस कर्मियों पर पहले तो 1 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। इतना ही नहीं जस्टिस अहलूवालिया ने घटना के दिन तैनात टीआई सहित समूचे स्टाफ को 900 किलोमीटर दूर ट्रांसफर करने का भी सख्त आदेश दिया।
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कोर्ट ने अपने आदेश में डीजीपी समेत प्रदेश के पुलिस प्रशासन को निर्देश दिया कि सभी थानों में सीसीटीवी कैमरों को इनस्टॉल करना अनिवार्य किया जाए। कोर्ट ने कहा कि 3 महीने के भीतर पुलिस स्टेशन के अंदर हर कमरे और हर स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। कोर्ट ने डीजीपी को 18 फरवरी 2025 तक इस मामले को लेकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं। बेंच ने कहा कि डीजीपी प्रत्येक जिले के पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मंगाकर सुनिश्चित करें कि क्या उनके जिले में स्थित पुलिस स्टेशनों के भीतर कोई कमरा या स्थान सीसीटीवी कैमरा के बिना तो नहीं है।