नेहरू परिवार का राजनीति में रहा है दबदबा
देश में जिन सियासी परिवारों का दबदबा रहा है उनमें सबसे ऊपर नेहरू (Nahru Family) का नाम आता है। यदि प्रियंका चुनाव जीत जाती हैं तो परिवार को तीन सदस्य एक साथ संसद में दिखेंगे। नेहरू के समय ही उनके दामाद फिरोज गांधी (Feroze Gandhi) सांसद बन गए। उनकी बेटी इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) पहली बार संसद की सीढ़ी 1964 में चढ़ी। इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री रहते उनके छोटे बेटे संजय गांधी (Sanjay Gandhi) अमेठी से सांसद बने। संजय की दुर्घटना में मौत के बाद इसी सीट से राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) सांसद निर्वाचित हुए। इंदिरा की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने। राजीव की भी 1991 में हत्या हो गई। इसके बाद करीब छह साल तक गांधी परिवार ने सियासत से दूरी बनाए रखी।
1998 में अध्यक्ष बनीं Sonia Gandhi
कांग्रेस में बिखराव रोकने के लिए नेताओं के आग्रह पर सोनिया ने 1997 में कांग्रेस की सदस्यता ली और 1998 में पार्टी अध्यक्ष बनीं। पहली बार बैल्लारी और अमेठी से 1999 में लोकसभा चुनाव लड़ा। तब से अब तक सोनिया संसद सदस्य हैं। उनके अध्यक्ष रहते कांग्रेस नीत यूपीए ने दस साल तक शासन किया।
राहुल गांधी 2004 से संसद में
सोनिया की सियासी सक्रियता के बीच उनके बड़े बेटे राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने 2004 में सियासत में प्रवेश किया। वह अमेठी से सांसद निर्वाचित हुए। यहां से तीन बार सांसद रहने के बाद 2019 के चुनाव में उन्होंने अमेठी के साथ वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा। अमेठी से भाजपा की स्मृति इरानी ने राहुल को चुनाव हरा दिया।
सोनिया राजस्थान से सांसद
लोकसभा चुनाव 2024 में सोनिया गांधी रायबरेली का सीट छोड़कर राजस्थान से राज्यसभा सांसद निर्वाचित हो गई। राहुल गांधी ने 2024 में वायनाड और रायबरेली से लोकसभा चुनाव लड़ा। दोनों जगह से निर्वाचित होने पर वायनाड सीट छोड़कर बहन प्रियंका को सौंप दी। संसद में मां सोनिया गांधी व बेटे राहुल गांधी पहले से सदस्य हैं।