जिले में अभी करीब 7 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फलों की खेती की जाती है। हर साल करीब 92 हजार मीट्रिक टन फलों का उत्पादन होता है। अब इसे 5 से 8 फीसदी बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। वर्तमान में जिले में सबसे ज्यादा रकबा एवं पैदावार अमरूद, आम, सीताफल, नींबू और कटहल की होती है। इनका रकबा बढ़ाया जा रहा है, साथ ही केला, अनार, पपीता, मौसम्मी और तरबूज तथा खरबूज की पैदावार बढ़ाने की योजना पर काम किया जा रहा है। हालांकि फलों का रकबा बढ़ाना आसान नहीं होता। क्योंकि कई फलों के पौधे देर में तैयार होते हैं।
कुछ फलों को प्राथमिकता
जिले में अभी फल पौध रोपण योजना में आम, अमरूद, नींबू और अनार को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसमें पौधों के अलावा सिंचाई के उपकरणों के लिए अनुदान की योजना है। इसलिए अब छोटे किसानों को भी इसमें शामिल करने की तैयारी है। इसके लिए उन्हें यह बात भी बताई जा रही है कि इसके जरिए उनकी आय में भी इजाफा होगा।
जिले में फल उत्पाद की स्थिति
2017-18
फल- रकबा- उत्पादन
आम- 1276- 13,270
पपीता- 402- 7356
अमरूद- 1382- 17,364
सीताफल- 382- 7658
बेर- 171- 937
केला- 184- 7653
आंवला- 850- 4841
अनार- 120- 1200
नींबू- 1009- 12,170
तरबूज- 77- 1552
मोसम्मी- 16- 190
कटहल- 406- 13030
2018-19
फल- रकबा- उत्पादन
आम- 1340- 13933
पपीता- 422- 7724
अमरूद- 1452- 18232
सीताफल- 401- 8041
बेर- 180- 983
केला- 194- 8036
आंवला- 895- 5090
अनार- 125- 1260
नींबू- 1060- 12780
तरबूज- 80- 1640
मोसम्मी- 17- 195
कटहल- 476- 13689
नोट: रकबा हेक्टेयर और उत्पादन मीट्रिक टन में
जिले में फलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। शासन की योजनाओं का लाभ देने के साथ ही किसानों को इसके लाभों से अवगत कराया जा रहा है।
एसबी सिंह, डिप्टी डायरेक्टर उद्यानिकी विभाग