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जबलपुर

ओंकारेश्वर डैम को लेकर हाईकोर्ट का फैसला, प्रभावित लोगों के पुत्रों को मिलेगा विशेष पैकेज

Narmada Bachao Andolan: नर्मदा नदी पर बने ओंकारेश्वर डैम के निर्माण से प्रभावित किसानों के वयस्क पुत्रों को भूमिहीन प्रभावितों के समान विशेष पैकेज देने को लेकर एमपी हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 2 महीने के अंदर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

जबलपुरNov 30, 2024 / 05:43 pm

Akash Dewani

MP High Court big decision on Narmada Bachao Andolan petition
Narmada Bachao Andolan: नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं को एमपी हाईकोर्ट में बड़ी कामयाबी मिली है। हाईकोर्ट ने एक अहम निर्णय देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि ओंकारेश्वर डैम से प्रभावित किसानों के वयस्क पुत्रों को भूमिहीन प्रभावितों के समान विशेष पैकेज देने को लेकर अगले दो महीनों में निर्णय लें। यह आदेश जस्टिस विशाल मिश्रा और जस्टिस अवनिंद्र कुमार सिंह की खंडपीठ ने दिया। अदालत ने यह भी कहा कि सरकार इस निर्णय से पहले याचिकाकर्ता नर्मदा बचाओ आंदोलन का पक्ष सुने और उन्हें अपने निर्णय की पूरी जानकारी दे।
नर्मदा बचाओ आंदोलन के वरिष्ठ कार्यकर्ता आलोक अग्रवाल ने बताया कि लंबे जल सत्याग्रह के बाद राज्य सरकार ने 7 जून 2013 को ओंकारेश्वर डैम प्रभावितों के लिए एक विशेष पैकेज का ऐलान किया था। इसके तहत भूमिहीन परिवारों और उनके वयस्क पुत्रों को 2.5 लाख रुपए का अतिरिक्त पैकेज और 31 जुलाई 2019 के आदेश के अनुसार 15% वार्षिक ब्याज देने का प्रावधान किया गया था। हालांकि, बार-बार मांग के बावजूद यह लाभ प्रभावित किसानों के वयस्क पुत्रों को नहीं दिया गया। इसी के चलते नर्मदा बचाओ आंदोलन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की थी।
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अदालत में क्या कहा गया?

याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज शर्मा ने न्यायालय को बताया कि 10 जुलाई 2023 को उच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया था कि वयस्क पुत्रों के मामले में जल्द निर्णय लिया जाए। हालांकि, बार-बार ज्ञापन और अधिकारियों से मुलाकात के बावजूद कोई निर्णय नहीं हुआ। अधिवक्ता शर्मा ने यह भी बताया कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि किसानों और भूमिहीनों के वयस्क पुत्रों को समान लाभ दिए जाने चाहिए।
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नर्मदा बचाओ आंदोलन ने किया फैसले का स्वागत

अदालत ने सरकार को निर्देश दिया कि वह नर्मदा बचाओ आंदोलन के 10 फरवरी 2022 के ज्ञापन पर विचार करे और दो महीने के भीतर निर्णय ले। आंदोलन ने इस फैसले का स्वागत करते हुए उम्मीद जताई कि राज्य सरकार जल्द निर्णय लेकर प्रभावित वयस्क पुत्रों को उनका अधिकार दिलाएगी जिससे उन्हें जीवन निर्वाह का साधन मिल सके।

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