फायरिंग ने दहलाया
उल्लेखनीय है कि पिछले साल यानी 4 जनवरी, 2017 की रात करीब 10 बजे कार और बाइक पर आए शूटरों ने चेरीलाल पारिजात बिल्डिंग के समीप कांगे्रस नेता राजू मिश्रा व कक्कू पंजाबी को घेर लिया। देखते ही दनादन फायरिंग शुरू कर दी। राजू व कक्कू पर २५ से ज्यादा फायर किए और दोनों को मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग निकले। देर रात तक चहल-पहल के लिए मशहूर चेरीताल में फायरिंग की आवाज से लोग दहल गए थे। दहशत और सन्नाटे की स्थिति बन गई। घटना में पारिजात बिल्डिंग निवासी कांग्रेस नेता राजू मिश्रा और कक्कू पंजाबी की मौत हो हो गई। राजू कांग्रेस के सक्रिय नेताओं में थे। उनकी हत्या की खबर से पूरा शहर सन्न रह गया।
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
चेरीताल में मेन रोड के किनारे हुई हत्या की वारदात समीप ही लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। फुटेज में शूटर अधाधुंध गोलियां चलाते नजर आ रहे हैं। घटना के दौरान कांग्रेस नेता नाले में गिरते दिखाई दे रहे हैं। यहां भी शूटरों ने उन पर गोलियां दांगी। घटना का कारण कुक्कू पंजाबी व गैगस्टर विजय यादव के बीच चल रहा मतभेद बताया जा रहा है। एसपी शशिकांत शुक्ला के अनुसार विजय यादव व कुक्कू पंजाबी दोनों ही कुख्यात अपराधी हैं। विजय यादव और उसके भाई रतन व अन्य आरोपितों ने कुक्कू से बदला लेने के लिए फायरिंग की थी। कुक्कू उस समय राजू मिश्रा के साथ था। आरोपियों से पूछताछ में यह बात सामने आयी थी कि विजय गैंग का मुख्य निशाना कुक्कू पर ही था, लेकिन फायरिंग में कुक्कू के साथ राजू की भी मौत हो गई।
मुख्य आरोपी ही फरार
सनसनीखेज हत्याकांड में पुलिस ने शार्प शूटर भोला उर्फ आनंद पांडे, अनुराग सिंह, विजय यादव के भाई रतन यादव, सैय्यद सद्दाम उर्फ रोहित राठौर तथा हिमांशू बाथम समेत अन्य शातिर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन घटना का प्रमुख मास्टर माइंड विजय यादव आज तक पकड़ में नहीं आया है। कुख्यात गैंगस्टर विजय का नहीं पकड़ा जाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहा है।
साठगांठ के आरोप
उल्लेखनीय है कि विजय की गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस पर साठगांठ के आरोप भी लगे हैं। कांग्रेस नेता लखन घनघोरिया, दिनेश यादव आदि ने कहा है कि गैंगस्टर विजय यादव के कुछ पुलिस अधिकारी और कर्मचारियों से संबंध हैं। इसलिए उसे बचाने का प्रयास किया गया। दबाव बढऩे पर उसके भाई रतन यादव को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने विजय की गिरफ्तारी पर 10 हजार रुपए का ईनाम भी घोषित करके रखा है। एक साल बीतने के बाद भी उसका गिरफ्तार नहीं हो पाना कई सवाल खड़े कर रहा है। इस मामले में या तो पुलिस निष्क्रिय है या फिर जान बूझकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। हालांकि एसपी शशिकांत शुक्ला का कहना है कि आरोपित गैंगस्टर विजय यादव की तलाश की जा रही है।