jabalpur water plant : रांझी जलशोधन संयंत्र की सुरक्षा में नगर निगम की अनदेखी शहर के बड़े हिस्से की जलापूर्ति के लिए भारी पड़ सकती है। शहर के 16 वार्डों की 3 लाख की आबादी को पानी की सप्लाई वाले संयंत्र के चारों तरफ की बाउंड्रीवॉल क्षतिग्रस्त हो चुकी है। कई जगह तो यह गायब है। हाल ही में ओवरहेड टैंक के नीचे 20 फीट दीवार गिर गई है। ऐसे में इस संवेदनशील जगह की सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। आलम यह है कि दीवार में यहां चार पहिया वाहन लेकर भी कोई सीधे संयंत्र तक पहुंच कर किसी भी अनहोनी को अंजाम दे सकता है। हैरानी की बात है कि निगम ने गेट पर चौकीदार तैनात कर जिमेदारी से इतिश्री कर ली है। टूटी बाउंड्रीवॉल की सुध लेने के लिए कोई जिमेदार लेने तैयार नहीं है।
jabalpur water plant : रांझी से कांचघर तक जलापूर्ति
इस संयंत्र के माध्यम से शहर की लाख की आबादी को पानी की सप्लाई की जाती है। पूरा रांझी, गोकलपुर, वीएफजे एस्टेट और कांचघर तक पानी भेजा जाता है। जब संयंत्र का निर्माण हुआ तब चारों तरफ बाउंड्रीवॉल का निर्माण कराया गया था। इसे बने हुए 40 वर्ष से अधिक हो चुके हैं। अब बूढ़ी दीवार कई जगह से गिर चुकी है तो कई स्थानों पर गिरने की कगार पर है।
jabalpur water plant : अधिकारियों का निवास फिर भी बेफिक्री
जलशोधन संयंत्र में नगर निगम के अधिकारियों के बंगले बने हुए हैं लेकिन किसी को सुरक्षा से खिलवाड़ की फिक्र नहीं है। हाल ही में वीकल फैक्ट्री रोड की तरफ बनी बाउंड्रीवॉल का बड़ा हिस्सा टूट गया है। इससे पहले शांति नगर में बाउंड्रीवॉल का बड़ा भाग एक दशक से टूटा पड़ा है। कुछ भाग तो अपने आप गिरा है तो कुछ स्थानों पर लोगों ने आवाजाही के लिए अपनी सुविधा के अनुसार रास्ते बना लिए हैं।
jabalpur water plant : असामाजिक तत्वों का रहता है जमावड़ा
जलशोधन संयंत्र के भीतर जाने में वैसे भी ’यादा रोकटोक नहीं होती। इसकी वजह यह है कि भीतर आवासीय कॉलोनी है। इसी प्रकार लंबे समय तक निगम के टिपर परिसर में खड़े किए जाते रहे हैं। ऐसे में ड्राइवर और क्लीनर के साथ-साथ लेबर भी भी वहां जाती रही है। इसलिए गार्ड भी ’यादा रोकटोक नहीं करता। दीवार टूटने के कारण शाम के समय असामाजिक तत्व भी अंदर जाकर शराबखोरी और जुआ सट्टा खेलते हैं। ऐसे में वे किस प्रकार का नुकसान पहुंचा दें, उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
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