घटेगी दूरी, सस्ती होगी यात्रा
जबलपुर-गोंदिया ब्रॉडगेज बनने से पहले शहर से इटारसी-बैतूल-पांढुर्ना होकर नागपुर तक रेलमार्ग था। नए ट्रैक से नैनपुर होकर नागपुर जाने के तीन रेल रास्ते हो जाएंंगे। कटंगी-तिरोड़ी के बीच नई ब्रॉडगेज लाइन बनने से बालाघाट से नागपुर सीधा जुड़ गया है। नैनपुर-सिवनी-छिंदवाड़ा तक ब्रॉडगेज लाइन बनने के बाद नागपुर जाने के लिए यह एक और वैकल्पिक मार्ग होगा। छिंदवाड़ा-नागपुर के बीच ब्रॉडगेज का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। इटारसी के मुकाबले नैनपुर होकर नागपुर की दूरी करी पौने दो सौ किमी तक कम होगी। इससे किराया कम लगेगा। सफर भी जल्दी पूरा होगा।
लम्बे समय से रेल सुविधा से कटे
शहर सम्भागीय मुख्यालय है। इससे महाकोशल अंचल के चार जिला मुख्यालय लम्बे समय से रेल सुविधा से कटे हुए हैं। ब्रॉडगेज लाइन बिछाने के लिए वर्ष 2015 से नैरोगेज ट्रेनें बंद कर दी गई है। सतपुड़ा अमान परिवर्तन योजना में लेटतीफी के कारण अंचल के चार जिलों के पिछड़ी और आदिवासी आबादी शहर अब तक यात्री रेल सुविधा से वंचित है।
इंटरसिटी व ओवरनाइट की मांग
सतपुड़ा नैरोगेज के ब्रॉडगेज में बदलने के साथ ही बालाघाट और छिंदवाड़ा से जबलपुर तक ट्रेनों के संचालन की मांग भी उठने लगी है। यात्री चाह रहे हैं कि सुबह के समय नागपुर से तुमसर, कटंगी, बालाघाट के रास्ते जबलपुर तक इंटरसिटी ट्रेन चलें, जो दोपहर बाद जबलपुर से नागपुर जाएं। जबलपुर-नैनपुर-छिंदवाड़ा-नागपुर होकर ओवरनाइट एक्सप्रेस की भी जरूरत बता रहे हैं, जो दोनों छोर से रात करीब 11 बजे चलकर सुबह 10 बजे पहुंचे। ताकि, महाकोशल और विदर्भ के बीच यात्रियों की रेल आवाजाही की बाधा दूर हो जाए।
अभी इस ट्रैक की स्थिति
जबलपुर-नैनपुर और छिंदवाड़ा-नागपुर के बीच ब्रॉडगेज टे्रनें दौड़ रही है। नैनपुर-छिंदवाड़ा के बीच छिंदवाड़ा से चौरई और नैनुपर-भोमा के बीच ब्रॉडगेज और इलेक्ट्रिफिकेशन का काम हो चुका है। अभी करीब 50 किमी के चौरई-सिवनी-भोमा रेलखंड में पटरी बिछाने का काम चल रहा है।
जबलपुर से नागपुर के लिए 4 रेलमार्ग
542 किमी व्हाया नरसिंहपुर-इटारसी-पांढुर्ना-नागपुर
366 किमी वाया नैनपुर-बालाघाट-गोंदिया-नागपुर
387 किमी वाया नैनपुर-बालाघाट-कटंगी-नागपुर
413 किमी वाया नैनपुर-सिवनी-छिंदवाड़ा-नागपुर
नैनपुर-छिंदवाड़ा रेलखंड में भोमा से चौरई तक ब्रॉडगेज लाइन बनाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस महीने के आखिर तक पटरी बिछाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसमें ट्रायल करके इसी माह सीआरएस कराने का भी प्रयास है।
– मनीश लावनकर, डिप्टी चीफ इंजीनियर, दपूमरे