निगम का खजाना भरने की जुगत, फैसले से लोग नाखुश
बेजार हैं शहर के पार्क-उद्यान, फिर भी लगा दिया मोटा शुल्क
आमोद-प्रमोद के साधन मुहैया कराना नगर निगम की है जिम्मेदारी
शहर में कॉलोनियों से लेकर वार्डों में साढ़े तीन सौ से ज्यादा उद्यान हैं। करोड़ों का बजट और विभाग के पास अलग से अमला होने के बावजूद ज्यादातर उद्यान बेजार हैं। उनका ठीक ढंग से रखरखाव ही नहीं हो रहा है। दूसरी ओर गिनती के जिन उद्यानों में सुविधाएं विकसित की हैं, उनमें सुबह-शाम टहलने पहुंचने वालों से लेकर बच्चों पर भी मोटा शुल्क लाद दिया गया है। जबकि, शहरवासियों को आमोद-प्रमोद के साधन मुहैया कराना नगर निगम की जिम्मेदारियों में शामिल है।
बच्चों को खेलने के लिए जगह चाहिए, लेकिन आबादी के मुकाबले निगम ने नगर में ऐसे स्थल विकसित नहीं किए। बच्चे खेलने के लिए शैलपर्ण, भंवरताल, गुलौआताल और डुमना नेचर पार्क पहुुंचते हैं, लेकिन अब पांच साल से ज्यादा उम्र के बच्चों और युवाओं के लिए सुबह के समय भी इन स्थलों में प्रवेश पर शुल्क लगा दिया गया है। साइकिल व वाहन से आने पर स्टैंड शुल्क भी चुकाना होगा।
आर्थिक बोझ बढ़ेगा
अगर एक परिवार के चार सदस्य इन उद्यानों में रोजाना टहलने पहुंचते हैं तो 300 रुपए प्रति सदस्य के मान से 1200 रुपए जमा करने होंगे। यानी परिवार पर बड़ा आर्थिक बोझ बढ़ेगा। शहर के हृदय स्थल सिविक सेंटर में उद्यान व्यवस्थित था। इसे जेडीए से नगर निगम को सुपुर्द हुए पांच साल हो गए। निगम ने जब से उद्यान सम्भाला, पूरी तरह से उजड़ गया। कुर्सियां टूट गईं, झूले टूट गए। चारों ओर की ग्रिल टूट रही है। इसी तरह से जय नगर पार्क, विजय नगर पार्क, शांति नगर पार्क समेत ज्यादातर उद्यान उजड़े हुए हैं। कई उद्यानों में तो गिनती के पेड़ ही रह गए हैं।
‘उद्यानों में सुबह की सैर करें नि:शुल्क’
लोग स्वस्थ रहने, योगा, कसरत करने सुबह उद्यान जाते हैं। उद्यानों में मॉर्निंग वॉक करने वालों से भी शुल्क वसूलने का निर्णय सही नहीं है। नगर निगम प्रशासन के इस फैसले से शहरवासी आक्रोशित हैं। सुबह 9.30 बजे तक उद्यानों में प्रवेश नि:शुल्क रखा जाए। पूर्व एमआइसी सदस्य कमलेश अग्रवाल, जय सचदेवा, भाजपा युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष रंजीत पटेल, अमित जैन, हरदीप सिंह ने बुधवार को निगमायुक्त अनूप कुमार सिंह से यह मांग की।
उद्यान शुल्क के नाम पर अवैध वसूली
कांग्रेस के पूर्व पार्षद अभिषेक यादव, मोनू खंडेलवाल, भारत कोष्टा, राज विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि उद्यान शुल्क के नाम पर नगर निगम ने नगरवासियों से अवैध वसूली का निर्णय लिया है। जबकि शहरवासियों को आमोद-प्रमोद के साधन मुहैया कराना निगम की जिम्मेदारी है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि फैसला वापस नहीं लिया गय तो आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
व्यावसायिक संस्था नहीं
नगर निगम व्यावसायिक संस्था नहीं है, जो लोगों के सुबह-शाम उद्यान जाने पर भी शुल्क वसूले। निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेश सोनकर ने कही। उन्होंने कहा, निगम को वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए सही उपाय करने चाहिए। पूर्व पार्षद नीतूृ तेजकुमार भगत, शागुफ्ता उस्मानी, राजेश यादव, गिरजा नेकराम पटेल ने निर्णय का विरोध करने की बात कही।
उद्यानों में प्रवेश का शुल्क निर्धारित करने और नए साल में नई व्यवस्थाओं का निर्णय नगर निगम प्रशासन ने लिया है। उद्यान विभाग प्रशासन के निर्देश का पालन कर रहा है।
– आदित्य शुक्ला, उद्यान अधिकारी नगर निगम