नेताजी सुभाषचंद्र बोस केंद्रीय कारागार का मामला : समय खत्म होने के बाद भी घंटों जारी रहती है मुलाकात
जेल में बंद डॉ. पाठक दम्पती व टीआई अयाची को मिल रहा वीआइपी ट्रीटमेंट
मुलाकात की जानकारी बाहर आने पर जेल प्रशासन में हड़कम्प मच गया। इसके बाद अधिकारियों ने डॉ. पाठक और टीआई अयाची को लॉकअप में भेजा और उनसे मुलाकात करने आए लोगों को बाहर कर दिया। जानकारी के अनुसार ठंड के समय बंदियों और कैदियों को खाना बांटने के बाद लॉकअप में भेज दिया जाता है। यह समय वर्तमान में साढ़े चार से पांच बजे तक है। बंदियों को लॉकअप में भेजने के बाद विशेष परिस्थितियों में ही बाहर लाने की अनुमति दी जाती है। लेकिन कुछ नामदारों के लिए यह नियम लागू नहीं हो रहा है।
अफसरों के कमरे रहते हैं तैयार- शुक्रवार को डॉ. अश्वनी पाठक और टीआइ संदीप अचायी से मिलने कुछ लोग जेल पहुंचे। सभी को पौने पांच से पांच जे के बीच जेल के मुख्य द्वार से अंदर ले जाया गया। इसके बाद उन्हें मेन गेट के बगल से लगे हुए एक अफसर के कमरे के बाहर ले जाया गया। इसके बाद मुलकात का दौर शुरू हुआ जो पौन घंटे तक जारी रहा।
अधिवक्ताओं की आड़ में खेल : अधिवक्ता जेल में बंद अपने क्लाइंट से मिलने पहुंचते हैं। उन्हें भी पांच बजे तक मिलने दिया जाता है, लेकिन जेल के अफसर इसी आड़ में यह काम कर रहे हैं।
कई और पर मेहरबानी
डॉ. पाठक दम्पती, टीआइ अयाची के अलावा हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक, सटोरिया दिलीप खत्री, संजय खत्री व विवेक खत्री आदि की भी जेल के अधिकारियों से साठगांठ है। इसलिए इन आरोपियों की जेल गेट के भीतर मुलाकात कराई जाती है। जानकारी यह भी है कि डॉ. पाठक दम्पती का बेटा अक्सर उनसे मिलने पहुंचता है। खत्री बंधुओं के परिजन भी मनमाने तरीके से जेल में मुलाकात करने जाते हैं।
डॉ. अश्वनी पाठक और टीआइ संदीप अयाची से समय खत्म होने के बाद भी जेल में मुलाकात कराने की बात सामने आई है। इस पर अधिकारियों को फटकार लगाते हुए दोबारा ऐसा नहीं करने की हिदायत दी गई है।
– अखिलेश तोमर, अधीक्षक, सेंट्रल जेल