डुमना एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन के एयरोब्रिज की 115 करोड़ की कृत्रिम छत (फाल्स सीलिंग) ढह गई। जिस वक्त छत ढही उस समय एयरोब्रिज पर कोई नहीं था, इसलिए जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ। हादसा तीन अगस्त को हुआ जिसका कई पैसेंजर्स ने वीडियो भी बना लिया। बाद में मैनेजमेंट ने मोबाइल लेकर सभी फोटो और वीडियो हटा दिए।
डुमना एयरपोर्ट का करीब 450 करोड़ रुपए में विस्तारीकरण और विकास किया गया है। इसी साल मार्च में ही पीएम नरेन्द्र मोदी ने डुमना एयरपोर्ट का वर्चुअली लोकार्पण किया था। करोड़ों रुपए का बंटाधार करने की बात 27 जून को ही सामने आ गई थी जब टर्मिनल के बाहर लगी केनोपी फट गई थी। इस हादसे में एक कार चकनाचूर हो गई थी। अब एयरोब्रिज की छत ढहने से एयरपोर्ट के विस्तार में लगाए गए करोड़ों रुपए पानी में बह गए लगते हैं।
यह भी पढ़ें : प्रतिशोध! बदला लेने की फिराक में घूमता रहा नाग, डसकर ही हटा, पुजारी की मौत केनोपी फटने का वीडियो वायरल होने के बाद मंत्रालय ने जांच तो शुरू की लेकिन एयरपोर्ट के निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर संदेह बरकरार है। टर्मिनल की छत से जगह-जगह से पानी चू रहा है। कई जगहों पर फाल्स सीलिंग टूट गई हैं और गिर गईं हैं। फर्श की टाइल्स उखड़ चुकी हैं। मुख्यद्वार के पास की ही सड़क उधड़ चुकी है। बताया जा रहा है कि तीन चार दिनों में फाल्स सीलिंग गिरने की करीब 8,9 घटनाएं हो चुकी हैं।
एयरोब्रिज की छत ढहने के संबंध में एक यात्री ने विस्तार से बताया। यात्री के अनुसार- घटना तीन अगस्त की है। मुबंई के लिए विमान एयरोब्रिज से जुड़ा ही था और पैसेंजर अंदर जा ही रहे थे कि छत ढही और भरभराकर गिर गई। हादसे से पैसेंजर्स घबरा उठे और वहां से भागे। कुछ पैसेंजर्स ने फोटो खींचें और वीडियो बनाए तो मैनेजमेंट ने उन्हें तुरंत विमान में अंदर भेज दिया। बाद में उनके मोबाइल से फोटो और वीडियो डिलीट करा दिए।
इस केस में अब एयरपोर्ट के प्रोजेक्ट इंजीनियर व्हीके सूरी का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि एयरपोर्ट में निर्माण से जुड़ी छोटी-मोटी समस्याएं आ रहीं हैं जिन्हें सुधारा जा रहा है।
डुमना हवाई अड्डा- तीसरा सबसे व्यस्त एयरपोर्ट
मध्यप्रदेश के जबलपुर महानगर के एयरपोर्ट को डुमना हवाई अड्डे के नाम से जाना जाता है। यह हवाई अड्डा जबलपुर से करीब 25 किलोमीटर पूर्व में स्थित है। इंदौर और भोपाल एयरपोर्ट के बाद यह प्रदेश का तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है।