scriptहाईकोर्ट के आदेश पर Mp Medical University में फर्जीवाड़े की जांच शुरू | investigation of fraud start in Mp Medical University On orders of High Court | Patrika News
जबलपुर

हाईकोर्ट के आदेश पर Mp Medical University में फर्जीवाड़े की जांच शुरू

-Mp Medical University के गोपनीय परीक्षा विभाग पर हैं गंभीर आरोप-हाईकोर्ट के आदेश पर सेवानिवृत्त जज के नेतृत्व में गठित हुई है पांच सदस्यीय जांच कमेटी-मेडिकल यूनिवर्सिटी के घोटाले को पत्रिका पहले ही सिलसिलेवार प्रकाशित कर चुकी है-पत्रिका की रिपोर्ट पर ही चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने विभागीय जांच कराई थी

जबलपुरOct 30, 2021 / 03:09 pm

Ajay Chaturvedi

मेडिकल यूनिवर्सिटी में शुरू हुई फर्जीवाड़े की जांच

मेडिकल यूनिवर्सिटी में शुरू हुई फर्जीवाड़े की जांच

जबलपुर. हाईकोर्ट के आदेश पर Mp Medical University में फर्जीवाड़े की जांच शुरू हो गई है। बता दें कि यूनिवर्सिटी के परीक्षा विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। इस मामले में हाईकोर्ट ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित करने का आदेश दिया था जिस पर सेवानिवृत्त जज जस्टिस केके त्रिवेदी के नेतृत्व में जांच कमेटी गठित की गई। कमेटी ने यूनिवर्सिटी पहुंच कर जांच शुरू कर दी है। जांच शनिवार को भी जारी है जिसके चलते यूनिवर्सिटी में हड़कंप मचा है। बता दें कि यूनिवर्सिटी में छात्रों के भविष्य के साथ हुए खिलवाड़ को पत्रिका ने पूरी संजीदगी से उठाया है। पत्रिका की खबर को संज्ञान लेते हुए ही पूर्व में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने विभागीय जांच कराई थी जिसके बाद कई आरोपियों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई।
बताया जा रहा है कि हाईकोर्ट के आदेश पर गठित जांच कमेटी में जस्टिस त्रिवेदी के अलावा एडीजी साइबर क्राइम योगेश देशमुख, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्व विद्यालय के वाइसचांसलर डॉ. सुनील कुमार गुप्ता, एमपीएसइडीसी के सीनियर कंसलटेंट विरल त्रिपाठी और एमपीएसइडीसी में टेस्टिंग इंजीनियरिंग प्रियंक सोनी को शामिल किया गया है। जांच कमेटी को महीने भर में जांच पूरी कर रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करनी है। ऐसे में कमेटी के सभी सदस्य जबलपुर पहुंचे और यूनिवर्सिटी में जा कर पड़ताल शुरू कर दी।
ये भी पढें- MP Medical University examination फिर विवादों में, विद्यार्थियों का हंगामा

जानकारी के अनुसार जांच कमेटी ने परीक्षा संबंधी गड़बड़ियों के संबंध में परीक्षा परिणाम तैयार करने वाली ठेका कंपनी से सभी संबंधित कागजात तलब किया है। साथ ही जांच के बिंदुओं का निर्धारण करते हुए इसकी विस्तृत सूची यूनिवर्सिटी प्रशासन को सौंप दी है। इन रिकार्ड्स के साथ ही एडीजी साइबर क्राइम पास-फेल को लेकर किए गए ईमेल, ऑनलाइन भुगतान आदि से जुड़े टेक्निकल कारकों की पड़ताल शुरू की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जांच कमेटी ने यूनिवर्सिटी के प्रशासक कुलपति सहित अन्य अधिकारियों के साथ कॉफ्रेंस रूम में घंटों चर्चा की। इस प्रकरण को पूरी तरह से जाना-समझा। साथ ही टर्मिनेट किए गए ठेका कंपनी माइंड लाजिस्क के कामों को समझा। फिर पूर्व में हुई विभागीय जांच रिपोर्ट से जुड़े रिकार्ड तलब किया।
बता दें कि मेडिकल यूनिवर्सिटी में परीक्षा-परिणाम संबंधी कार्य करने वाली ठेका कंपनी माइंडलॉजिक्स के गोपनीय विभाग के एक बाबू को निजी मेल पर रिजल्ट भेजने के खुलासे के बाद कई गड़बडियां उजागर हुई थीं। चिकित्सा शिक्षा विभाग की जांच में ही यूनिवर्सिटी में अनुपस्थित विद्यार्थियों को अच्छे नंबर से पास करने जैसी गंभीर अनियमितता की प्रारंभिक जानकारी सामने आई थी। उसके बाद घोटाले का खुलासा करने वाले अधिकारियों को ही आनन-फानन में हटा दिया गया, तब इस अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई जिस पर कोर्ट के आदेश पर प्रदेश सरकार ने जस्टिस केके त्रिपाठी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की।

Hindi News / Jabalpur / हाईकोर्ट के आदेश पर Mp Medical University में फर्जीवाड़े की जांच शुरू

ट्रेंडिंग वीडियो