दूसरी तरफ ऑफलाइन रिटर्न का आंकड़ा तो 80 फीसदी से ज्यादा तक पहुंच गया है। जैसे-जैसे महीने की आखिरी तारीख आ रही है, आयकर रिटर्न जमा करने वालों की संख्या भी बढऩे लगी है। चार्टर्ड एकाउंटेंट से लेकर टैक्स एडवोकेट के दफ्तरों में फाइलर अपने दस्तावेजों के साथ बने रहते हैं। अभी सीबीडीटी का सर्वर भी ठीक तरह से काम कर रहा है। लेकिन जानकारों का कहना है कि न केवल जबलपुर बल्कि देशभर में आखिरी तीन दिनों में रिटर्न फाइल करने वालों की तादाद में भारी इजाफा हो जाता है तो उस समय परेशानी जरुर खड़ी हो सकती है। इस बार एक माह की अतिरिक्त छूट मिली है। यदि इसके बाद भी करदाता 31 अगस्त तक रिटर्न दाखिल नहीं करते तो फिर एक सितम्बर से उन्हें जुर्माना देना पडेग़ा।
एक लाख से ज्यादा करदाता
अकेले जबलपुर जिले में करदाताओं की संख्या एक लाख से ज्यादा है। वहीं प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय की बात की जाए तो इसके अंतर्गत आने वाले डेढ़ दर्जन जिलों में तीन लाख 38 हजार से ज्यादा करदाता हैं। इन करदाताओं से आयकर के रूप में करीब तीन से चार हजार करोड़ का राजस्व मिलता है। इस साल ऑफलाइन रिटर्न जमा करने की सुविधा अति वरिष्ठ नागरिक यानि 80 वर्ष से ऊपर के करदाताओं को दी गई है।