अभी मनेरी में पानी का भारी संकट रहता है। ज्यादा परेशानी गर्मी में होती है। उद्योगों को अपना उत्पादन तक कम करना पड़ता है। मनेरी औद्योगिक क्षेत्र के पास से झामिल नदी निकली है। लेकिन, वह जल्दी सूख जाती है। उसके पानी का संग्रहण स्टॉप डैम में किया जाता है। लेकिन, उसमें उतना पानी नहीं रहता, जितनी जरूरत उद्योगों की रहती है। मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कारपोरेशन ने नर्मदा नदी से पानी की सप्लाई की योजना बनाई गई है।
नई इंडस्ट्री आनी है
मनेरी में ज्यादातर वृहद उद्योग हैं। अभी दो बडे़ प्लांट एथेनॉल के लगने हैं। कुछ बड़ी फूड इंडस्ट्री की स्थापना भी होनी है। इन्हें बड़ी मात्रा में पानी की आवश्कता होती है। वर्तमान में केवल दो एमएलडी पानी का इंतजाम हो पाता है। जबकि, जरूरत छह एमएलडी की रहेगी। इसलिए भटौली से इंटेक वेल के जरिए मनेरी में पानी पहुंचाया जा रहा है। आने वाले समय में मनेरी में रोजाना 40 लाख लीटर पानी जाएगा। इससे उद्योगों को पानी की दिक्कत नहीं होगी।
36 करोड़ रुपए लागत
यह पूरा प्रोजेक्ट 36 करोड़ रुपए का है। इसमें पानी की पाइपलाइन से लेकर इंटेक वेल, ब्रांच लाइन और ओवर हेड टैंक शामिल है। मनेरी में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी लगेगा। इस इंडस्ट्रीयल एरिया में पहले से कई बडे़ प्लांट चल रहे हैं। भारत सरकार के आइओसी और एचपीसीएल के बॉटलिंग प्लांट के अलावा निजी क्षेत्र की आधा दर्जन बड़ी इकाइयों का संचालन हो रहा है। अब नई इंडस्ट्री भी आ रही हैं। उनके लिए पानी सबसे बड़ी आश्यकता होती है।
मनेरी इंडस्ट्रीयल एरिया में पानी की समस्या दूर करने के लिए परियोजना तैयार की गई है। भटौली से पाइपलाइन के जरिए पानी भेजा जाएगा। इसका फायदा मौजूदा और नई इंडस्ट्री को होगा।
– सृष्टि प्रजापति, कार्यकारी संचालक, एमपीआइडीसी