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जबलपुर

हिंदू युवती और मुस्लिम युवक की नहीं हो सकेगी शादी, एमपी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला

High Court’s decision मध्यप्रदेश में हिंदू युवती और मुस्लिम युवक की शादी के बहुचर्चित केस में जबलपुर हाईकोर्ट Jabalpur highcourt ने अहम फैसला सुनाया है।

जबलपुरNov 09, 2024 / 06:51 pm

deepak deewan

High Court's decision

High Court’s decision

मध्यप्रदेश में हिंदू युवती और मुस्लिम युवक की शादी के बहुचर्चित केस में जबलपुर हाईकोर्ट Jabalpur highcourt ने अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने फिलहाल इस शादी पर रोक लगा दी है। इंदौर निवासी हिंदू युवती अंकिता और सिहोरा के मुस्लिम युवक हसनैन की शादी पर रोक लगाने का फैसला हाईकोर्ट ने अंकिता के पिता की अपील पर सुनवाई के बाद सुनाया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने हिंदू युवती और मुस्लिम युवक की शादी पर रोक विशेष विवाह अधिनियम के तहत लगाई है। युगलपीठ ने इस संबंध में एकलपीठ द्वारा पारित आदेश पर भी स्टे लगाते हुए नोटिस जारी किए हैं।
इंदौर की अंकिता ठाकुर और सिहोरा के हसनैन अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा था- हम दोनों प्यार करते हैं और शादी करना चाहते हैं। अंकिता के परिजन और धार्मिक संगठन इसका विरोध कर रहे हैं जिससे हमें जान का खतरा है। दोनों ने कोर्ट से पुलिस सुरक्षा की मांग की थी। इस पर एकलपीठ ने विशेष विवाह अधिनियम की प्रक्रिया प्रारंभ करने और याचिकाकर्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने का आदेश दिया था।

एकलपीठ के इस आदेश के बाद अंकिता के पिता ने हाईकोर्ट में अपील की। उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की प्रक्रिया को रोकने की मांग की। अंकिता के पिता ने हाईकोर्ट के एक पुराने आदेश का उल्लेख करते हुए बताया कि विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत किया गया विवाह भी मुस्लिम कानून के तहत मान्य नहीं होगा। सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने शादी पर रोक लगाते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी किए। हाईकोर्ट ने एकलपीठ द्वारा पारित आदेश पर भी स्टे लगा दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
अंकिता और हसनैन ने याचिका में कहा था कि हम दोनों प्रेम करते हैं और लिव-इन-रिलेशनशिप में रह रहे हैं। दोनों अपनी मर्जी से शादी करना चाहते हैं, हमें अपने जीवन के संबंध में निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार है। शादी के लिए जबलपुर के कलेक्टर कार्यालय में विशेष विवाह अधिनियम के तहत आवेदन किया। इसके बाद से अंकिता के परिजन और धार्मिक संगठन विरोध करने लगे हैं।
याचिका पर सुनवाई के बाद एकलपीठ ने पुलिस अधीक्षक जबलपुर को दोनों को सुरक्षा प्रदान करने को कहा। पुलिस को युवती अंकिता को जबलपुर स्थित राजकुमार बाई बाल निकेतन में रखने को कहा गया। इसके साथ ही उसे पुलिस सुरक्षा में विशेष विवाह अधिनियम के तहत बयान दर्ज करवाने के लिए 12 नवंबर को कलेक्टर कार्यालय में प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया।
एकलपीठ के इस आदेश और विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत शादी की प्रक्रिया को रोकने के लिए अंकिता के पिता ने भी हाईकोर्ट में याचिका लगा दी। उन्होंने कहा कि याचिका की सुनवाई 4 नवंबर को निर्धारित थी और उनका पक्ष सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया गया।
पिता ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत हुआ विवाह भी मुस्लिम कानून के तहत मान्य नहीं होगा। उन्होंने तर्क दिया कि मुस्लिम समाज में अग्नि और मूर्ति पूजन करने वालों से विवाह स्वीकार्य ही नहीं है। अंकिता के पिता ने यह भी कहा कि मुस्लिमों में चार शादियां मान्य हैं जबकि हिंदू विवाह अधिनियम में केवल एक विवाह ही मान्य है।

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