15 खरीदी केन्द्रों पर उपज की जा रही खरीदी
उल्लेखनीय है कि जिले में 15 खरीदी केन्द्रों पर चना, मसूर की उपज खरीदी की जा रही है। उपज का परिवहन कर भंडारण की व्यवस्था सुनिश्चित नहीं होने से लगभग एक पखवाड़े से परेशानी का सबब बनी है। खरीदी केन्द्रों पर तुलाई के लिए जगह नहीं बची, तो वहीं तौलकर रखी उपज को बारिश से बचाने की नई चुनौती सामने है। कुछ केन्द्रों पर अनाज के अंकुरण होने की भी स्थिति बन गई है।
हालात बदतर हो गए हैं
जिला मुख्यालय का मंडी प्रांगण जरा सी बारिश में ही तालाब की शक्ल में तब्दील हो जाता है। ऐसे में बीते दिनों से रोज हो रही बारिश के कारण यहां के हालात बदतर हो गए हैं। अनाज की सड़ांध के कारण लोगों का खड़ा होना मुश्किल होता है, तो वहीं फूटे शेडों में रखी उपज को बचाना टेढी खीर बना है। शेड के किनारों पर जमी बड़ी तादाद में उपज गीली हो रही है।
उपज में अंकुरण की स्थिति बनने लगी है
सूत्रों का कहना है कि जिले की विभिन्न मंडियों में रखी ऐसी उपज में अंकुरण की स्थिति बनने लगी है। वहीं समिति के कर्ताधर्ता इस उपज को भंडारण में जमा होने को लेकर आशंकित है। मापदंड के अनुसार सूखी फसल नहीं होने पर एफसीआई गोदाम में नहीं रखवाती है। वर्तमान में यहां से भेड़ाघाट उपज भंडारण के लिए भेजी जा रही है, जिससे इतनी लंबी दूरी तय करने के बाद यदि उपज गोदाम में अंदर नहीं ली जाती है। इस स्थिति में भ्रष्टाचार भी हो रहा है।