वेतन-भत्तों का निर्धारण
जिले में प्रदेश शासन के 57 विभागों में अधिकारी और कर्मचारियों की संख्या का आकलन इस गणना के माध्यम से किया जाता है। हाल ही में यह रिपोर्ट प्रदेश शासन को भेजी गई। इसी आधार पर अब सरकार कर्मचारी और अधिकारियों के वेतन और भत्तों का निर्धारण किया जाता है।
कार्यालय की रहती है बड़ी जिम्मेदारी
किसी भी सरकारी दफ्तर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का बड़ा योगदान रहता है। वे अधिकारियों के सहयोगी के तौर पर काम करते हैं। इसलिए विभागों के गठन के समय से ही इनकी संख्या काफी रही है। लेकिन, अब इनकी संख्या निरंतर कम हो रही है। ज्यादातर कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं। उनकी जगह नए कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जा रही है। ऐसे में आने वाले समय में अधिकारी वर्ग को अपने छुटपुट काम खुद ही सम्भालने पड़ सकते हैं।
मार्च 2022 की स्थिति
श्रेणी | पुरुष | महिला | कुल |
प्रथम | 303 | 178 | 481 |
द्वितीय | 630 | 582 | 1213 |
तृतीय | 10253 | 4146 | 14402 |
चतुर्थ | 1689 | 486 | 2175 |
मार्च 2023 की स्थिति
श्रेणी | पुरुष | महिला | कुल |
प्रथम | 303 | 208 | 541 |
द्वितीय | 601 | 514 | 1115 |
तृतीय | 9734 | 4410 | 14144 |
चतुर्थ | 1510 | 502 | 2012 |
500 अधिकारी और कर्मचारी कम
कर्मचारी नियोजन गणना हर वर्ष की जाती है। 31 मार्च 2023 की स्थिति में जिले में कुल अधिकारी एवं कर्मचारी 17 हजार 785 रह गए हैं। जबकि 2022 में इनकी संख्या 18 हजार 271 थी। यानी दोनों वर्षों की तुलना में संख्या में 486 का अंतर आया है। गणना के आंकड़ों के अनुसार जिले में अब श्रेणी एक के अधिकारियों की संख्या बढ़कर 541 हो गई है। द्वितीय श्रेणी में 1115 अधिकारी हैं। तृतीय श्रेणी कर्मचारियों की संख्या सबसे अधिक 14 हजार 144 है। वहीं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 2012 रह गए हैं।
इस बार बड़ा अंतर
इस बार जो जानकारी विभागों ने दी है, उसमें बड़ा अंतर देखने को मिला है। जिले में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी आई हैं। दूसरी तरफ श्रेणी एक के अधिकारी बढ़े हैं।
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