ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज कर जांच की शुरू
फर्जी दस्तावेजों से एक ही प्लॉट को दो बैंकों में बंधक रखकर लिया लाखों रुपए का लोन
लोन की राशि जमा नहीं करने पर बैंक ने प्लॉट कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू करनी चाही, तो पता चला कि उक्त प्लाट पहले ही पंजाब नेशनल बैंक केंट सदर अपने कब्जे में ले चुका है। इसी प्लॉट को बंधक रखकर धनपत अरोरा, पत्नी शीला अरोरा, बेटा हिमांशु अरोरा और बेटी रुचि अरोरा ने लोन लिया था। खाता एनपीए होने के बाद बैंक ने 29 जून 2015 को उक्तसम्पत्ति कब्जे में ले लिया था। इस जानकारी के आधार पर बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपने यहां बंधक रखे गए दस्तावेज और प्लॉट की रजिस्ट्री चैक कराई, तो पता चला कि वह कूटरचित दस्तावेज है। ईओडब्ल्यू भोपाल में 16 जून को एफआईआर दर्ज कर जबलपुर को विवेचना सौंपी है।
कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक बैंक से 30 लाख रुपए का लोन लेने के प्रकरण में एफआईआर दर्ज कर जांच की जा रही है।
– नीरज सोनी, एसपी, ईओडब्ल्यू