बता दें कि, देशभर में ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी संस्थान में तकनीकी कौशल प्राप्त करने के लिए किसी फाइटर प्लेन को स्थापित किया गया हो। कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों के लिए इसे बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। इस प्लेन को रक्षा मंत्रालय डीआरडीओ के माध्यम से जबलपुर भेजा गया। इस विमान को दिल्ली से कई टुकड़ों में भेजा गया है। इसके बाद इसे यहां लाकर असेंबल किया गया है। इस विमान को इंडियन एयरफोर्स की तरफ से इंजीनियरिंग कॉलेज को भेंट किया गया है। मिग-21 को प्रदान करने में डीआरडीओ के डॉयरेक्टर डॉ.सुधीर मिश्रा की महात्वपूर्ण भूमिका रही। उन्हीं के अथक प्रयासों के चलते छात्रों की इंजीनियरिंग में निखार लाने के लिए कॉलेज को ये तोहफा मिला है।
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2018 में वायुसेना से रिटायर हो चुका है विमान
आपको ये भी बता दें कि, दुश्मनों के लिए काल माना जाने वाला वायुसेना का ये जंगी जहाज मिग 21 साल 2018 में रिटायर हो चुका है। अपने कार्यकाल के दौरान प्लेन ने कई मोर्चों पर वायुसेना का बेहतरीन साथ दिया। जबलपुर में यहां लाने के पहले इसे डिस्मेंटल किया गया एवं कई टुकड़ों में के माध्यम से जबलपुर पहुंचाया गया। वायुसेना के टेक्नीशियनों की टीम ने इसे असेंबल किया और महाविद्यालय परिसर में एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के सामने स्थापित कर दिया। मैकेनिकल के छात्रों को तकनीकी ज्ञान और कौशल में निखार के लिए इस विमान जांच का मौक दिया जाएगा।
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