जबलपुर. स्थानीय पुलिस को गुरुवार को बड़ी सफलता मिली, जब उसने फर्जी जमानतदारों के गिरोह का भंडाफोड़ किया। यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था। वो भी केवल जबलपुर नहीं बल्कि आठ जिलों में इसका रैकेट काम कर रहा था।
सीएसपी गोहलपुर अखिलेश गौर के मुताबिक मुन्ना उर्फ शौकत गोहलपुर थाने का हिस्ट्रीशीटर है। सिविल लाइंस पुलिस ने इसे फर्जी जमानत मामले में 2015 में गिरफ्तार किया था। नरसिंहपुर कोतवाली में भी इसके खिलाफ 2017 में एक प्रकरण दर्ज है। वह फिलहाल इसी मामले में फरार चल रहा है। वहीं सलमा के खिलाफ 2018 में सिविल लाइंस और 2020 में ओमती में फर्जी जमानत कराने का प्रकरण कोर्ट के आदेश पर दर्ज है। दोनों ही प्रकरण में वह फरार चल रही है। सिविल लाइंस मामले में तीन तो ओमती के प्रकरण में उस पर चार हजार रुपए का इनाम घोषित है।
पुलिस के अनुसार यह गैंग आठ जिलो में सक्रिय है। ये आरोपी एक से डेढ़ हजार रुपए में बही और आधार कार्ड तैयार करते थे। इसके बाद वे पांच से दस हजार रुपए लेकर जमानत कराते थे। यह गैंग पिछले 13 सालों से सक्रिय था। आरोपियों में पिता-पुत्र व समधन सहित कुल पांच लोगों को हनुमानताल पुलिस ने गिरफ्तार किया है। अभी एक लापता है। एक आरोपी को मारपीट के मामले में दो महीने पहले गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था।
पुलिस के मुताबिक इस मामले में हनुमानताल पुलिस ने गाजीनगर निवासी शातिर बदमाश मुन्ना उर्फ शौकत अली, उसके बेटे सद्दाम, समधन सलमा और 50 प्रतिशत के पार्टनर पप्पू दाहिया सहित एक अन्य को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक आरोपी मुन्ना का बेटा बबुआ अभी लापता है। वहीं उसका brother-in-law अशफाक मारपीट के मामले में दो महीने से जेल में है।
एएसपी अमित कुमार का कहना है कि यह गैंग 13 साल से फर्जी बही तैयार कर जमानत करा रहा था। गिरोह के पास से तेंदूखेड़ा दमोह, कटनी, इटारसी, नरसिंहपुर, मंडला, जबलपुर, सतना, रीवा जिले के कुल आठ तहसील और तहसीलदारों के नाम की सील जब्त हुई है। वहीं बड़ी मात्रा में फर्जी बही भी बरामद की गई है। फर्जी बही तैयार करने का काम पप्पू दाहिया करता था। वहीं आधार कार्ड एक फोटो कापी दुकान का संचालक उपलब्ध कराता था। आरोपी किसी के भी नाम के खसरे का रिकार्ड निकलवा कर उसकी फर्जी बही बनाते थे। फोटो इसमें मुन्ना, सलमा और उसके बेटों सहित अन्य का लगाकर कोर्ट में जमानत कराते थे।
उन्होंने बताया है कि प्रारम्भिक जांच में पता चला है कि इस खेल में कोर्ट के कुछ वकील और बाबुओं की संलिप्तता भी है। वे ही जमानत कराने वाले आरोपियों का नाम इस गिरोह को उपलब्ध कराते थे। फिर गैंग फर्जी जमानतदार की व्यवस्था करता था। फर्जी बही लगाकर जमानत कराई जाती थी। आरोपी के अपराध के अनुसार ये गैंग जमानत कराने का पैसा लेती थी। पूछताछ में गिरोह ने पांच से 10 हजार रुपए एक जमानत कराने के एवज में लेने की बात स्वीकार की है। पुलिस मुख्य सरगना मुन्ना उर्फ शाैकत अली और उसकी समधन सलमा को रिमांड पर ले रही है।
इस मामले का खुलासा करने वालों में थाना प्रभारी हनुमानताल उमेश गोल्हानी, चैकी प्रभारी प्रेमसागर उप निरीक्षक प्रभाकर सिंह परिहार, सउनि आलोक सिंह, आरक्षक रामजी, चंद्रभान, समरेन्द्र, महेन्द्र, महिला आरक्षक प्रांशू आदि प्रमुख रहे।
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