medical hospital : मेडिकल अस्पताल की बिगड़ रही व्यवस्थाएं, बेहतर इलाज को हर कोई मोहताज
medical hospital मेडिसिन सर्जरी, गॉयनिक व पीडियाट्रिक सर्जरी के मॉडयूलर ओटी भी नए भवन में शुरू कर दिए गए हैं। लेकिन ये विभाग नर्सिंग स्टाफ, वॉर्ड बॉय, सफाईकर्मी की कमी से जूझ रहे हैं।
medical hospital : कटनी, सिवनी, नरसिंहपुर मंडला, डिंडौरी से लेकर सतना, रीवा, सीधी, शहडोल तक के गंभीर मरीज रेफर किए जाने पर इलाज के लिए मेडिकल अस्पताल पहुंच रहे हैं, अस्पताल पर मरीजों लोड बढ़ता ही जा रहा है। मेडिकल अस्पताल के मेडिसिन, गॉयनिक, आर्थोपेडिक वार्ड हाउसफुल होने को देखते हुए, इन्हें नए भवन में शिट कर दिया गया है। नए भवन में मेडिसिन के 3, आर्थोपेडिक व गॉयनिक के 2-2 वार्ड शुरू किए गए हैं। इसके साथ ही मेडिसिन सर्जरी, गॉयनिक व पीडियाट्रिक सर्जरी के मॉडयूलर ओटी भी नए भवन में शुरू कर दिए गए हैं। लेकिन ये विभाग नर्सिंग स्टाफ, वॉर्ड बॉय, सफाईकर्मी की कमी से जूझ रहे हैं। नए भवन में सर्जरी विभाग का मॉडयूलर ओटी भी शुरू किया जाना है।
लंबे समय से मेडिकल अस्पताल प्रशासन चिकित्सा शिक्षा विभाग से नर्सिंग स्टाफ उपलब्ध कराने की मांग कर रहा है। अस्पताल को स्टाफ तो नहीं मिल रहा है, ऊपर से यहां की नर्सों की ड्यूटी सुपरस्पेश्यिलिटी अस्पताल व स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट अस्पताल में लगाए जाने के कारण यहां स्टाफ की कमी हो जा रही है।
medical hospital : चिकित्सक भी छोड़ रहे हैं सेवाएं
मेडिकल अस्पताल प्रशासन के सामने अपने स्टाफ को जोडकऱ रखने की भी चुनौती है। विशेषज्ञ चिकित्सक यहां कुछ समय सेवाएं देने के बाद नौकरी छोड़ दे रहे हैं। वे या तो दूसरे शहरों को चले जा रहे हैं या फिर नगर में भी निजी अस्पतालों से जुड़ते जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि यहां की व्यवस्थाएं सुधारने के लिए ठोस प्रयास की नितांत आवश्यकता है।
medical hospital : खास-खास
नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, सफाईकर्मियों की कमी नहीं हो रही दूर
डॉक्टर भी कुछ समय सेवाएं देकर छोड़ दे रहे हैं नौकरी, मरीज परेशान
2 हजार से 2200 मरीज आते हैं ओपीडी में
1 हजार से ज्यादा मरीज रहते हैं भर्ती
2-3 हजार परिजन रहते हैं मौजूद
2 हजार से ज्यादा डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर, नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ, टेक्नीशियन
20 जिलों से ज्यादा के मरीजों की मेडिकल पर निर्भरता
7 वार्ड नए भवन में शुरू किए
3 मॉड्यूलर ओटी का संचालन भी किया शुरू
medical hospital : इनका कहना है
नर्सिंग स्टाफ, वार्ड बॉय, सुरक्षाकर्मियों की लगातार कमी है, स्टाफ उपलब्ध कराने चिकित्सा शिक्षा विभाग से लगातार मांग की जा रही है। पुराने भवन में मरीजों के लगातार बढ़ती संया को देखते हुए उपलब्ध स्टाफ के साथ ही सबसे ज्यादा लोड वाले वार्डों को नए भवन में शिट किया है।
डॉ.अरविंद शर्मा, अधीक्षक मेडिकल अस्पताल
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