चीयरलीडर्स ने IPL को किया लोकप्रिय
आईपीएल की बढ़ती लोकप्रियता का एक कारण इसमें चीयरलीडर्स का होना भी बताया जाता है। आईपीएल की हर टीम के साथ चीयरलीडर्स भी जुड़ी हुई होती हैं, जो मैच के दौरान खिलाड़ियों का और दर्शकों का मनोरंजन करती हैं। चीयरलीडर्स खिलाड़ियों के चौके-छक्के मारने पर और साथ ही साथ विकेट लेने पर भी टीम के थीम सॉंग पर डांस के मूव्स दिखा कर खिलाड़ियों का प्रोत्साहन करती है।
बीच में चीयरलीडर्स के कपड़ों पर हुआ था विवाद
आईपीएल के लिए चीयरलीडर्स को दुनियाभर से बुलाया जाता है, लेकिन इसके बाद भी कुछ खास देश ऐसे हैं जहां से चीयरलीडर्स आती हैं। 2008 में जब आईपीएल की शुरुआत हुई तो उसके साथ पहली बार क्रिकेट जगत में चीयरलीडर्स का आगमन हुआ। शुरू में चीयरलीडर्स का बहुत विरोध किया गया क्योंकि चीयरलीडर्स छोटे- छोटे कपड़ो में आकर्षक डांस मूव्स करती थी। विरोध के बाद कुछ टीमों ने अपने चीयरलीडर्स को अपने राज्य के पारंपरिक वेश में पेश करना शुरू कर दिया और उनके डांस को भी स्थनीय डांस में बदल दिया, लेकिन ये फ़ॉर्मूला अधिक दिनों तक नहीं चला और फिर से चीयरलीडर्स छोटे और आकर्षक कपड़ो में टीम के थीम सॉंग पर ही डांस करने लगी।
6 से 10 हजार रुपए दिए जाते हैं चीयरलीडर्स को
चीयरलीडर्स बनने के लिए भी लड़कियों को मेहनत करनी होती है। चीयरलीडर बनने के लिए प्रोफेशनल डांसर होने के साथ-साथ जिमनास्ट आना भी जरुरी होता है। इस प्रोफेशन को बहुत ही ख़तरनाक माना जाता है। कुछ देशों में तो इसे खेल का भी दर्जा दिया गया है। आईपीएल में एक चीयरलीडर को 6000 से 10000 रुपए तक पेड किया जाता है।