आर्थिक पैकेज का एक्शन प्लान, जानें NBFCs और डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को क्या मिला ?
दरअसल ये सवाल इसलिए ज़रुरी हो जाता है क्योंकि मोदी सरकार की आज की घोषणाओं ( modi govt announced ) में श्रमिकों और मजदूरों के लिए कोई नई बात नहीं कही गई । सरकार ने अपनी पुरानी घोषणाओं को गिनवाकर इस वर्ग से पल्ला झाड़ लिया वहीं नौकरीपेशा ईमानदार टैक्सपेयर्स के लिए भी पुरानी घोषणाओं में थोडा बहुत बदलाव ही हुआ या यू कहा जाए कि पीएफ के रूप में आम आदमी को मामूली राहत मिली है। तो गलत नहीं होगा।
MSMEs पर फोकस –
मोदी सरकार ( modi govt ) ने कल ही इस पैकेज का ऐलान करके लोकल को वोकल बनाने की बात कह दी थी और आज पैकेज के एक्शन प्लान में भी वो साफ नजर आया । इकोनॉमी की बैकबोन कहे जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग को मोदी ने जरूर पैकेज में तोहफा दिया है। और माना जा रहा है कि इस सेक्टर की वजह से ही आने वाले दिनों में भारतीय अर्थव्यवस्था का रुख बदलेगा । मोदी सरकार का msme सेक्टर को उठाया गया कदम वास्तव में गेम चेंजर साबित होगा और इस बात को एक्सपर्ट्स भी मानते हैं । खुद NITI Aayog के CEO अमिताभ कांत का कहना है कि मोदी सरकार का ये कदम गेमचेंजर है।
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दरअसल मोदी सरकार ने इस सेक्टर को सिर्फ आर्थिक रुप से मजबूत बनाने के लिए मदद नहीं की बल्कि इस सेक्टर के दायरे को बढ़ाकर उन्होने छोटे व्यापारियों को आगे बढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित किया है । सरकार का मानना है कि ऐसा होने से अं त में इन छोटे दुकानदारों पर आश्रित लोगों की आजीविका भी सुरक्षित होगी । MSMEs हमारी अर्थव्यवस्था में सबसे ज्यादा रोजगार प्रदान करता है ।
बढ़ाया गया msme का दायरा-
सूक्ष्म, लघु और कुटीर उद्योग ( MSMEs ) के लिए इस घोषणा के बाद वित्त मंत्री ( finance minister ) ने स्पष्ट किया कि अब msme की परिभाषा को बदला जा रहा है। नई परिभाषा के अनुसार 25 लाख से 1 करोड़ का निवेश करने वाले उद्योग-धंधो को सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में रखा जाएगा । इसके साथ ही लगु उद्योग धंधों के लिए निवेश राशि ( investment ) को 1 करोड़ और टर्नओवर सीमा 5 करोड़ कर दी गई है। ये सीमा वस्तु और सेवा हर प्रकार के उद्योग में लागू होगी । वहीं मीडियम के लिए निवेश की सीमा 20 करोड़ रुपये तक होगी। सरकार के इस कदम से इस क्षेत्र में काम करने वालो में प्रतिस्पर्द्धा की भावना बढेगी ।
बिना गारंटी के मिलेगा लोन-
Msme सेक्टर को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी का लोन दिया जा रह है । ये योजना अक्टूबर से लागू होगी और इसके लिए किसी भी प्रकार की गारंटी की जरूरत नहीं होगी। इससे 45 लाख यूनिट्स को फायदा होगा ।
लॉकडाउन की वजह से संकट में फंसे एमएसएमई ( MSMEs ) के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। 2 लाख एमएसएमई को होगा फायदा।