तत्काल टिकट से की कमाई
आपको बता दें कि सूचना के अधिकार ( आरटीआई ) ने इस संबध में मीडिया को जानकारी दी है। रेलवे ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्काल कोटे से 21,530 करोड़ रुपये की कमाई की। वहीं 3,862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्रीमियम तत्काल टिकटों से हुई है।
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1997 में शुरु हुई सेवा
तत्काल टिकट बुकिंग सेवा 1997 में चुनिंदा रेलगाड़ियों में शुरू की गई थी। इसका मकसद अचानक यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा देना था। वर्ष 2004 में तत्काल टिकट बुकिंग सेवा का विस्तार पूरे देश में किया गया। तत्काल टिकट के तहत द्वितीय श्रेणी में मूल किराये से 10 फीसदी अतिरिक्त वसूला जाता है जबकि बाकी अन्य श्रेणियों में यह राशि मूल किराये की 30 फीसदी है।
2014 में शुरु हुआ प्रीमियम तत्काल
हालांकि, इस शुल्क में भी न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की गई है। प्रीमियम तत्काल सेवा 2014 में शुरू की गई थी और 50 फीसद तत्काल कोटे की सीटों की बुकिंग इसके तहत डायनेमिक किराया प्रणाली (सीट उपलब्धता के आधार पर कीमत) से होती है।
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RTI कार्यकर्ता ने दी जानकारी
मध्यप्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौर की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी पर रेलवे ने बताया कि 2016-17 में तत्काल टिकट से रेलवे को 6,672 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। जो 2017-18 में बढ़कर 6,952 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। रेलवे के मुताबिक तत्काल योजना अभी 2,677 रेलगाड़ियों में लागू है और कुल 11.57 सीटों में 1.71 लाख सीटों पर बुकिंग तत्काल कोटे के तहत होती है।