रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा कि घातक कोरोना वायरस (सीओवीआईडी-19) के लंबे समय तक प्रकोप का असर भारतीय उद्योग पर पड़ेगा, जिसे गंभीर बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। क्रिसिल ने एक रिपोर्ट में कहा कि सीओवीआईडी-19 का इस वित्तीय वर्ष की चौथी तिमाही में इंडिया इंक के सेक्टरों में मिला-जुला असर रहेगा।
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रिपोर्ट में जिक्र किया गया कि सेक्टर जैसे ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मा बल्क ड्रग्स व एग्रो केमिकल्स कुछ हद तक सीओवीआईडी-19 का सामना कर सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया, “हालांकि, इनवेंट्ररीज के ठहरने से उद्योग पर खासा दबाव पड़ेगा।” रिपोर्ट के अनुसार, अगर आपूर्ति में व्यवधान जैसे ऑटोमेटिव कंपोनेंट्स, नवीकरणीय (सोलर) व हीरा में मार्च से आगे जाता है तो चुनिंदा क्षेत्रों में फर्मों के क्रेडिट प्रोफाइल भी प्रभावित हो सकते हैं।
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रिपोर्ट में कहा गया, “हीरा और ऑटोमोटिव कंपोनेंट क्षेत्र दोनों पहले से ही एक वर्ष से अधिक समय से सुस्त बने हुए हैं। इसके साथ ही ऑटोमोटिव सेक्टर 1 अप्रैल, 2020 से प्रभावी होने वाले बीएस-छह रेग्युलेशन को अपनाने वाला है। इसकी वजह से कंपोनेंट व वाहनों के दाम ज्यादा होने वाले हैं।”