सरकारी मदद खातों में पहुंचने तक खुले रहेंगे बैंक, गृहमंत्रालय का बैंकों को निर्देश
खैर इन एयरलाइंस कंपनियों को सरकार की तरफ से मदद की उम्मीद है लेकिन सरकार इनके लिए कोई कदम उठाए उससे पहले ही इन कंपनियों ने अपने घाटे को पूरा करने का इंतजाम करना शुरू कर दिया है। इंडिगो और एयरइंडिया ने अप्रैल से अपने कर्मचारियों की सैलेरी में कटौती का ऐलान पहले ही कर दिया है। और अब इन कंपनियों ने अपने घाटे को पूरा करने का एक और तरीका निकाला है ।
दरअसल 15 मार्च से जो भी फ्लाइट टिकट कैंसिल हुई हैं कंपनियों ने उन्हें रिफंड करने का भरोसा दिलाया है । लेकिन एयरलाइंस कंपनीज का खेल यहीं से शुरू हो जाता है । एक अनुमान के अनुसार एयरलाइंस कंपनियों के पास कैंसिल टिकट का कम से कम 8,000 करोड़ रुपया पड़ा हुआ है। कैश की कमी से जूझ रही कंपनियां अपनी जेब से निकालने को तैयार नहीं दिख रहीं। इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) की सलाह पर उन्होंने कैंसिल टिकट को क्रेडिट शेल में बदलने का आसान रास्ता अपना लिया है। यही वजह कि लगातार टिकट के पैसों को लेकर कंपनी और कस्टमर्स की किचकिच हो रही है।
SpiceJet ने बनाया CREDIT SHELL- Spicejet ने ट्वीट कर टिकट के अमाउंट को CREDIT SHELL में जमा करने की बात कही है। कस्टमर्स इस पैसे को अगले एक साल तक टिकट बुकिंग के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। यानि अपनी अगली टिकट के लिए आपको न सिर्फ स्पाइसजेट को चुनना है बल्कि अपने पैसों को इस्तेमाल करने के लिए अगले एक साल में ट्रैवेल भी करना है। ( बाजार के जानकारों का मानना है कि कोरोना के ठीक होने के बावजूद लोग कुछ समय तक ट्रैवेल करने से बचेंगे ) और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपके ट्रैवेल न करने तक तो कंपनियां आपका पैसा इस्तेमाल करेंगी ही इसके साथ ही अगर आप पूरे साल उस ट्रैवेल न कर पाएं तो आपका पैसा कंपनी की झोली में जा चुका है। इस बारे में हमने जब स्पाइस जेट से बात करनी चाही तो उनका कहना था कि ट्वीटर पर उनके ट्वीट को उनका ऑफिशियल स्टेटमेंट माना जाए। (आप कंपनी का ट्वीट नीचे देक सकते हैं) दूसरी कंपनी ने तो फोन उठाने की भी तकलीफ नहीं उठाई। खैर अब आपको बताते हैं दूसरी कंपनी ने क्या इंतजाम किया है रीफंड करने का
यानि किसी भी सूरत में नुकसान कस्टमर का होगा। पत्रिका को एयरलाइंस इंडस्ट्री को हो रहे घाटे से पूरी हमदर्दी है लेकिन उस घाटे को पूरा करने के तरीकों से हम इत्तेफाक नहीं रखते।