अपनी आर्थिक स्थिति ( Finacial Situation ) का हवाला देते हुए कंपनी ने कहा कि उनकी सभी अचल संपत्तियां बैंक ( Bank ) के पास गिरवीं है और वोडाफोन ( Vodafone ) आइडिया के कुल 6.27 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू में से 4.95 लाख करोड़ रुपये कामकाज जारी रखने पर खर्च हुए हैं। हालांकि कोर्ट ने कंपनी के इस बयान पर संदेह जताते हुए कहा कि उसके लिए कंपनी पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कंपनी से ये भी पूछा कि उन्होने सभी खर्चों को बीच एजीआर ( AGR ) के लिए कोई प्रबंध क्यों नहीं किया ? इस पर कंपनी का कहना था कि टेलीकॉम ट्रिब्यूनल ( telecom Tribunal ) ने उसके पक्ष में फैसला लिया था इसीलिए कंपनी ने कई व्यव्स्था नहीं की ।
यहां ध्यान दे वाली बात है कि शनिवार को वोडाफोन आइडिया ( Vodafone-Idea ) ने सरकार को AGR बकाया के तहत 1000 करोड़ रुपये चुकाने की बात कही थी । आज कंपनी के शेयर 1.12 फीसदी की मजबूती के साथ 9 रूपए पर बंद हुआ ।
बात करें कोर्ट के फैसले की तो सुप्रीम कोर्ट ने किस्तों में AGR पेमेंट पर अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।