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इंदौर

तो बच जाएंगे ट्विंकल डागरे कि हत्या के आरोपी

27 महीने में पुलिस ने उन आरोपितों को पकड़ा, जिन पर पहले दिन था शक और अब चाहिए इनाम
 

इंदौरJan 13, 2019 / 11:26 am

Lakhan Sharma

kallu karotia

तो बच जाएंगे ट्विंकल डागरे कि हत्या के आरोपी

लखन शर्मा, इंदौर।

बाणगंगा थाना क्षेत्र से 27 माह पहले अक्टूबर 2016 में लापता हुई ट्ंिवकल डागरे केस में पुलिस ने कल खुलासा किया। 27 माह बाद पुलिस ने उन पांच लोगों को आरोपित बनाया है, जिन पर डागरे के परिजनों ने पहले दिन युवती को अगवा करने का आरोप लगाया था। लेकिन आरोपित तत्कालीन सत्तापक्ष भाजपा से जुड़े थे और पुलिस पर नेताओं का दबाव था, इसलिए पुलिस जांच में सुस्ती दिखा रही थी। जिस बीईओएस टेस्ट के आधार पर पुलिस अब कार्रवाई करने की बात कह रही है, यह रिपोर्ट भी पुलिस अफसरों को लगभग 7 माह पहले ही मिल गई थी। लेकिन अफसर इसे दबा कर बैठे थे। अब जबकि सत्ता परिवर्तन के बाद ऊपर से दबाव आया तो खुलासा भी कर दिया और ईनाम की भी चाह रखने लगे।

टिंवकल डागरे का अपहरण और हत्या करने के आरोप में पुलिस ने जगदीश करोतिया उर्फ कल्लू, उसके बेटे अजय, विजय, विनय और नीलू उर्फ निलेश कश्यप को आरोपित बनाया है। टिंवकल कि मां रीटा व पिता संजय डागरे ने टिंवकल के लापता होने के बाद पहले ही दिन कल्लू करोतिया और उसके बेटों पर टिंवकल को लापता करने का आरोप लगाया था। लेकिन पुलिस ने सिर्फ औपचारिक पूछताछ कर आरोपितों को छोड़ दिया। पुलिस के सामने वे रहते थे, भाजपा नेताओं के साथ मंच पर शामिल होकर अफसरों को अपना रूतबा दिखाते थे। बताते हैं कि चार दिन पहले जब प्रत्यक्षदर्शी लखन को पुलिस ने उठाया तब भी कल्लू भाजपा नेताओं के यहां गया था। कहना था कि पार्टी के आदमी को बेवजह पुलिस ने बंद कर रखा है, लेकिन इस बार सरकार बदली तो पुलिस अफसरों के तेवर भी बदले और उन्होंने नेताओं से कह दिया कि लखन ने पूरी घटना देखी है और मामले में कल्लू और उसके बेटों ने ही टिंवकल कि हत्या की है। इसके बाद कल्लू जिन नेताओं के भरोसे था, उन्होंने भी उससे पल्ला झाड़ लिया और उसके खास आखा भाजपा के पूर्व विधायक भी अपनी पत्नी को लेकर सिंगापुर निकल गए। उधर मां-बाप अब भी पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता को आरोपित बनाने के लिए पुलिस से गुहार लगा रहे हैं। कल डीआईजी ऑफिस जब आरोपितों को लाया गया, तब भी मां रीटा ने पुलिस अफसरों से यही बात कही। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आरोपितों को अभी रिमांड पर लिया है, जिसकी भूमिका मिलेगी, उसे आरोपित बनाएंगे।

अब खुद कि पीठ थपथपा रहें हैं अफसर

खास बात यह है कि पूरे मामले में अगर करोतिया परिवार पर शुरुआत से ही सख्ती होती तो मामले का कब से ही खुलासा हो सकता था। लेकिन दबाव में काम कर रही पुलिस हाईकोर्ट की फटकार के बाद भी तब जागी, जब सरकार पलटी और कार्रवाई तेज की। 27 माह बाद हत्या का खुलासा किया। पर अफसर अपनी ही पीठ थपथपा रहें हैं। कहना है कि खुलासा करने वाली टीम को इनाम दिया जाएगा, जिस पर सवाल खड़े हो रहें हैं। कानून के विशेषज्ञों का कहना है कि जिस मामले को बहुत पहले खुल जाना था, उसमें दो साल से अधिक समय लगाने पर कैसा इनाम?

ऐसे बच जाएंगे आरोपित करोतिया व अन्य

गौरतलब है कि पिछले दिनों कविता रैना हत्याकांड में पुलिस ने सतीश बैरागी को आरोपित बनाया था। उसे कोर्ट ने बरी कर दिया। पुलिस ने जितने सबूत बताए थे, कोर्ट ने उन्हे अमान्य कर दिया था। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव अधिवक्ता मनीष यादव ने बताया कि इस मामले में भी पुलिस के पास कोई परिस्थितिजन्य साक्ष्य नहीं है। पुलिस के बयान कोर्ट में मान्य नहीं हैं, प्रत्यक्षदर्शी लखन सूर्यवंशी का बयान पुलिस बता रही है कि उसने टिं्वकल को जलाते हुए देखा, लेकिन मारते नहीं देखा। उधर कोर्ट में उसके बयान बदलने कि पूरी संभावना है, पहले कई केसों में ऐसा हुआ है। मौके से बिछिया का मिलना, कैसे बताएंगे कि उसी की है या साबित कैसे होगा कि जलाते या मारते समय गिरी थी। उसका इनके घर आना-जाना था। हो सकता है इसके पास पहले से हो। अधिवक्ता यादव का कहना है कि परिस्थतिजन्य साक्ष्य में एक दूसरे से साक्ष्यों का लिंक होना चाहिए जो नहीं हैं। पुलिस ने जो कपड़े और ब्रेसलेट बताए, वह भी कोर्ट में टिं्वकल की हत्या होना या इनके द्वारा हत्या करने को साबित नहीं कर पाएंगे। पुलिस बता रही है घटना स्थल से राख बरामद की। घटना के बाद बारिश के दो सीजन गुजर चुके हैं, मौके से राख कैसे मिल सकती है, वह भी प्लॉट में से। बड़ा सवाल तो यही है कि टिं्वकल मरी है इसे साबित करना चुनौती होगा, क्योंकि मौके से कोई ऐसी चीज नहीं मिली, जिससे स्पष्ट डीएनएस टेस्ट हो सके। ऐसे में पांचो आरोपितों को कोर्ट से फायदा मिल सकता है। हालांकि पुलिस ने आरोपितों को रिमांड पर लिया है, जिसमें देखना होगा कि अब पुलिस इनसे क्या साक्ष्य बरामद करती है।

पुलिस यह बता रही सबूत

– मौके से मिली राख
– मौके से मिली बिछिया
– मौके से मिले टिंवकल के कपड़े
– मौके से मिला टिंवकल का ब्रेसलेट

आरोपितों को मिलेगी सजा
हमने पर्याप्त साक्ष्य जुटाए हैं। बीईओएस टेस्ट और अन्य साक्ष्य सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाएंगे। आरोपित रिमांड पर है, जिनसे हम और साक्ष्य बरामद करने में लगे हैं।

– हरिनारायणचारी मिश्र, डीआईजी

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