नए वर्ष 2025 के शुरुआती तीन माहों में पश्चिम मप्र के इंदौर सहित मालवा निमाड़ के कई जिलों में बिजली सप्लाई की समस्याएं खत्म होंगी। यहां 25 नए ग्रिडों को तैयार कर चार्ज करने के आदेश दिए गए हैं। इन ग्रिडों में इंदौर जिले के गंगा डेम और गारी पिपलिया का 33/11 केवी का ग्रिड शामिल हैं।
यह भी पढ़ें: एमपी में बंद हो गईं बसें, कई जिलों में आवागमन ठप, जानिए कब तक थमे रहेंगे पहिए मप्र पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर की प्रबंध निदेशक रजनी सिंह ने बताया कि 2025 में जनवरी से मार्च तक तीन माहों में देवास जिले के शेरगुना और देवला बछाल गांवों में भी नए ग्रिड तैयार हो जाएंगे। इसी तरह अन्य जिलों में भी आरडीएसएस के अंतर्गत नए 5 एमवीए क्षमता के नए ग्रिड तैयार हो जाएंगे। उपभोक्ताओं को जल्द ही इनका फायदा भी मिलने लगेगा।
प्रबंध निदेशक रजनी सिंह के अनुसार इन 25 ग्रिडों के समय पर तैयार कर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुख्य अभियंता एसएल करवाड़िया, अतिरिक्त मुख्य अभियंता एससी वर्मा रोज समीक्षा कर रहे हैं। वित्तीय वर्ष के समापन यानि मार्च अंत तक इन ग्रिडों को हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: एमपी में हुई वेतन वृद्धि, सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किए आदेश नए ग्रिडों को मिलाकर आरडीएसएस के तहत कंपनी के कुल 80 नए ग्रिड हो जाएंगे। आरडीएसएस के तहत दिसंबर अंत तक कई ग्रिड तैयार होकर बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। इनमें इंदौर शहर एवं इंदौर ग्रामीण क्षेत्र के ईमलीखेड़ा, बड़िय़ाकीमा बिचौली क्षेत्र, महेश्वर रोड गुलझेरा, राजोदा, सुपर स्पेशलिटी एमवाय के पास, देवास नाका, रसोमा विजय नगर के पास, जीत नगर बिलावली ग्रिड शामिल हैं।
कई इलाकों के 33/11केवी के नए 5 एमवीए क्षमता के ग्रिड तैयार हो चुके हैं। यहां से बिजली सप्लाई भी की जा रही है। आरडीएसएस के इन ग्रिडों से घरेलू के अलावा कृषि, औद्योगिक, व्यावसायिक विद्युत उपभोक्ताओं को भी पहले की तुलना में ज्यादा गुणवत्ता के साथ बिजली मिल रही है।
क्या होता है ग्रिड
पावर ग्रिड को इलेक्ट्रिकल ग्रिड भी कहा जाता है। यह बिजली उत्पन्न करने, संचारित करने और ग्राहकों तक पहुंचाने का नेटवर्क है। पावर ग्रिड में बिजली संयंत्र, सब स्टेशन, ट्रांसफ़ॉर्मर और बिजली लाइनों का वितरण सिस्टम होता है।