प्रमोद मिश्रा@इंदौर. रहवासी इलाके से गुजर रहे बरसाती नाले को आइडीए ने मिट्टी डालकर बंद कर दिया। बाद में गुपचुप तरीके से 24 दुकानें बेच दीं। घरों के सामने जब दुकान का निर्माण शुरू हुआ तो रहवासी विरोध में आ गए। अफसरों से शिकायत की, लेकिन फिर भी कोई असर नहीं हुआ। नाराज रहवासियों ने विरोध का नया तरीका निकालते हुए हर घर के बाहर पोस्टर लगा दिए। पोस्टरों में लिखा है, ‘यह दुकानें विवादित हैं, खरीदी बिक्री हानिकारक हो सकती है।’ पॉश कॉलोनी स्कीम न. 74 के सेक्टर सी के घरों पर एक पोस्टर लगा है।
पोस्टर में लिखा है, ‘सामने नाले की जमीन पर हो रहे दुकानों का निर्माण विवादित है, जिसका प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। अत: किसी भी प्रकार का क्रय-विक्रय हानिकारक हो सकता है।’ यहां से निकलने वाले हर व्यक्ति की निगाह जब घरों के बाहर लगे पोस्टर पर जाती है तो वह कुछ देर के लिए ठहर जाता है। दरअसल, यहां करीब 30 साल से कई लोग निवास कर रहे हैं, आइडीए से प्लॉट खरीदने के बाद लोगों ने मकान बनवाए हैं।
Must read : बोहरा समाज ने आज मनाई ईद नाला बंद करने के बाद कब काट दी दुकानें पता नहीं चला : यहां घरों के सामने से बरसाती नाला निकलता था। करीब 25 फीट चौड़ा व 9 फीट गहरा नाला था। रहवासी बताते हैं, सालों पहले अचानक मिट्टी से नाला बंद कर दिया गया। आइडीए ने नाला बंद करने के बाद यहां कब दुकानें बेच दीं पता ही नहीं चला। कुछ समय पहले दुकानें बनना शुरू हुईं तो रहवासी विरोध में आ गए।
आईडीए ने रजिस्ट्री कराकर नक्शा पास कराया: पत्रिका ने एक दुकान मालिक से बात की तो उनका कहना था, हमें आइडीए ने सालों पहले दुकानें बेची हैं, रजिस्ट्री कराकर नक्शा भी पास कराया। लोगों का विरोध गलत है।
अवैध नहीं हैं दुकानें – आइडीए की स्कीम की जमीन पर दुकानें बेची गई हैं। दुकानें अवैध नहीं हैं। कुछ लोगों ने शिकायत जरूर की है, जिन्होंने दुकानें खरीदी हैं, वे भी निर्माण नहीं करने देने की शिकायत कर रहे हैं। विवेक श्रोत्रिय, आइडीए सीईओ
Must read : खतरों के बीच इन बजारों में हो रहा व्यापारधमकाया, लेकिन फिर भी नहीं डरे रहवासी स्कीम न. 74 सी सेक्टर के रहवासी संघ के नेतृत्व में आइडीए के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। रहवासी संघ के अध्यक्ष सुभाषसिंह तोमर के मुताबिक रहवासी इलाके में अचानक दुकानें बनने लगीं तो लोगों ने विरोध किया। कई शिकायतें कीं, लेकिन दुकानों का निर्माण बंद नहीं हुआ। लोगों ने अहिंसक आंदोलन शुरू करते हुए अपने घरों के बाहर पोस्टर लगाए, ताकि कोई दुकानें खरीदने के लिए आगे न बड़े। इस दौरान कई बार धमकी मिली, लोगों को दबाने का प्रयास किया गया, लेकिन हम नहीं डिगे। अब कोर्ट की शरण ली है।
रहवासी संघ का सवाल… मास्टर प्लान में जहां नाला वहां कैसे बेचीं दुकानें तोमर व मुकेश मित्तल के मुताबिक, इलाके में आइडीए ने नियम विरुद्ध दुकानें बेच दीं। आरटीआई के तहत जानकारी निकाली गई तो अलग-अलग बातें सामने आईं। मास्टर प्लान में उस जगह नाला बताया गया है, जहां आइडीए ने उसे बंद कर दुकानें काट दीं। नगर निगम से नक्शे भी नहीं मंजूर हैं। रहवासियों का कहना है, जब तक दुकानें हटाई नहीं जातीं तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
Hindi News / Indore / गलती से भी न करें इन दुकानों की खरीदी-बिक्री, रहवासियों ने पोस्टर लगाकर दी सूचना