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कैलाश ने पोहे खाते हुए मजदूरों पर किया था शक
आपको बता दें कि, बीते दिनों कैलाश विजयवर्गीय का एक बयान काफी सुर्खियों में रहा था, जिसमें उन्होंने बांग्लादेशियों की पहचान करने का तरीका बताया था। कैलाश ने उनके घर मिस्त्री का काम करने आए मजदूरों के बारे में बताते हुए कहा था कि, मजदूर दोपहर में लंच टाइम में पोहा-जलेबी खा रहे थे, जिससे उन्हें शक हुआ था कि, वो बांग्लादेशी थे। भगत सिंह दीवाने बिग्रेड द्वारा आयोजित सभा में स्वरा ने केन्द्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि, एक तरफ तो सरकार देश के नागरिकों पर आंसू-गैस और लाठियां चला रहे हैं और वहीं, पाकिस्तान के अदनान सामी को नागरिकता तो दे ही चुके हैं, अब पद्मश्री भी देंगे। सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर बोलते हुए स्वरा ने कहा कि, सीएए के हाथ-पैर, नाखून और पंजे तो एनआरसी और एनपीआर हैं। ये ना सिर्फ मुसलमान के लिए नुकसान दे है, बल्कि देश के हिन्दू भी इसकी चपेट में आएंगे।
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भगतसिंह ब्रिगेड के सदस्य के तौर पर शामिल हुए दिग्विजय
सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में आयोजित सभा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनकी पत्नी अमृता सिंह समेत कई दिग्गज नेता और समाज सेवी शामिल हुए। अपने भाषण के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा कि, मैं ये स्पष्ट कर दूं कि, मैं यहां कांग्रेस पार्टी का नेता होने के नाते नहीं, बल्कि भगतसिंह ब्रिगेड के सदस्य के तौर पर यहां आया हूं। दिग्विजय ने नागरिकता कानून को काला कानून बताते हुए ये घोषणा कि, कि वो नागरिकता साबित करने के लिए किसी भी तरह का कागज नहीं दिखाएंगे। वहीं, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने कहा कि, इस कानून के जरिये केन्द्रस सरकार देश को बांटने का प्रयास कर रही है, जिसे हम सफल नहीं होने देंगे।