कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजयसिंह की अध्यक्षता में बनी कांग्रेस समन्वय समिति में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता महेश जोशी, रामेश्वर नीखरा सहित अन्य सदस्य हैं। सभी सदस्य इस बैठक में मौजूद थे। बैठक की शुरूआत में सबसे पहले कांग्रेस नेता रामेश्वर पटेल से उनकी राय समिति के सदस्यों ने ली। पटेल ने इस दौरान अपनी तरफ से राय दी कि किसी भी विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा दो या तीन उम्मीदवार हो सकते हैं। जहां पर इससे ज्यादा नाम है, मतलब है कि उसमें से कई लोग नाम चमकाने के लिए कर रहे हैं। दो या तीन उम्मीदवारों से चर्चा करो कि हम टिकट किसको दे रहे हैं, बाकी के जो नेता हैं, उनके साथ पार्टी के चारों बड़े नेता बैठकर उन्हें इस बात के लिए समझाओ की यदि सत्ता में आ गए तो फिर कई पद हैं जो विधायक के बराबर के हैं, उन्हें उसमें समायोजित कर लेंगे। लेकिन अभी पार्टी के लिए काम करो। सरकार के पास में दो सौ से ज्यादा पद हैं। इस फार्मूले को उपर तक भी पहुंचाए।
उनके बाद बुलाए गए प्रदेश उपाध्यक्ष तुलसी सिलावट से भी जब पूछा गया तो उन्होने भी समिति सदस्यों को कहा कि एक विधानसभा में जितने भी उम्मीदवारी जता रहे हैं, उनसे आप पहले अलग-अलग मुलाकात कर लें। उसके बाद सभी को एक साथ बैठाकर उनके बीच समन्वय बनाने का काम करें। वहीं अंतरसिंह दरबार ने सभी को साथ लाने के साथ ही संगठनस्तर पर चुनावों का प्रबंधन कराने की जिम्मेदारी सौंपने की भी राय दी। वहीं समन्वय के लिए राय रखने पहुंचे कांग्रेस के पार्षदों ने समिति के सामने टिकट देने की मांग रख दी। कांग्रेस पार्षदो में से कम से कम 3 को विधानसभा का टिकट देने की मांग कांग्रेस नेता से पार्षद दल ने की। वहीं जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव ने देपालपुर और महू में सभी दावेदारों को एक साथ बैठाकर उनमें समन्वय करवा दें। आप यदि उन्हें समझा देंगे, तो कोई दिक्कत नहीं होगी।
राष्ट्रीय सचिव, कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष भी पहुंचे कांग्रेस को एक साथ कैसे लाया जा सकता है। इसके लिए अपनी बात रखने के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव सज्जनसिंह वर्मा, प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष जीतू पटवारी भी पहुंचे। पटवारी जहां अपनी बारी आने पर अंदर पुहंचे वहीं वर्मा सीधे ही बैठक में पहुंच गए थे।
अंदर समन्वय बाहर तल्खी रेसीडेंसी कोठी के मुख्य हॉल से लगे हुए कमरे में समन्वय समिति के सदस्य एक-एक कर कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर रहे थे, दूसरी ओर कमरे के बाहर ही कांग्रेस नेताओं में तल्खी के भाव दिख रहे थे। सुरजीतसिंह चड्ढ़ा और देवेंद्रसिंह यादव के बीच तल्खी दिख रही थी। ऐसी ही तल्खी विधानसभा तीन के दो दावेदार अश्विन जोशी और पिंटू जोशी के बीच भी नजर आई। रेसीडेंसी कोठी के एक ही पोर्च में होने के बाद भी दोनों भाईयों ने एक दूसरे से बात तक नहीं की। यही नहीं अश्विन समर्थक पिंटू से भी दूरी बनाकर रखी। वहीं बाद में अश्विन जोशी एक प्रतिनिधि मंडल को भी लेकर पहुंचे थे, लेकिन समिति के सदस्यों ने उन्हें लंबा इंतजार करवाया। यही हालत कांग्रेस जिला कार्यवाहक अध्यक्ष मोती सिंह पटेल और पूर्व विधायक सत्यनारायण पटेल के बीच भी दिखे। देपालपुर से दावेदारी करने वाले दोनों नेता एक दूसरे से दूरी बनाए हुए थे।
जब पटवारी ने जोड़ा संघवी का नाम बैठक में समन्वय समिति के सामने कौन-कौन नेता पहुंचेंगे, इसके लिए बकायदा लिस्ट बनाई गई थी। इस लिस्ट में जिला और शहर दोनों के नेताओं के नाम थे। लेकिन इस सूची में पांच नंबर विधानसभा से चुनाव लड़ चुके पंकज संघवी का नाम नहीं था। संघवी इस बात को लेकर परेशान हो रहे थे। उनका नाम सूची में कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपने हाथ से जोड़ते हुए जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव को उन्हें भी बात रखने देने के लिए निर्देश दिए। लेकिन कमेटी के सदस्यों ने उन्हें लंबे समय तक अंदर ही नहीं बुलाया।
पति पहुंचे पार्षद दल के साथ हारे जीते विधायकों के साथ ही कांग्रेस के पार्षदों को भी समन्वय समिति ने बुलाया था। इस दौरान कांग्रेस की महिला पार्षदों में केवल एक रूबिना खान ही पहुंची थी। वहीं बाकी महिला पार्षदों की जगह उनके पति पहुंचे थे। नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम भी नहीं पहुंची थी। उनकी जगह पर उनके पति शेख अलीम पहुंचे थे।
आज विधानसभावार होगी बैठकें मंगलवार को कांग्रेस समन्वय समिति विधानसभावार कार्यकर्ताओं की बैठके लेंगी। रिंग रोड स्थित शुभकारज गार्डन में सुबह 10 बजे से शुरू होने वाली इन बैठकों में पहले ग्रामीण क्षेत्र और उसके बाद शहरी क्षेत्र के कार्यकर्ताओँ से नेता मुलाकात करेंगे। वहीं कांग्रेस के सभी नेता कार्यकर्ताओं के साथ पंगत में ही भोजन भी करेंगे।