scriptएनएसयूआई ने मनाया जश्न, कई कॉलेजों में फहराया परचम | nsui won the student election in indore mp | Patrika News
इंदौर

एनएसयूआई ने मनाया जश्न, कई कॉलेजों में फहराया परचम

भाजपाईयों ने किया विवाद, भाजपा के बड़े नेता भी कूदे थे चुनाव में, कांग्रेस के नेता रहे दूर, फिर भी जीते

इंदौरNov 27, 2017 / 10:45 pm

amit mandloi

NSUI MP
छोटे कॉलेजों की बदौलत एनएसयूआई ने दर्ज की जीत

इंदौर. निजी कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर एबीवीपी ने भाजपा नेताओं का साथ लेकर बड़े कॉलेजों में जीत हासिल की, वहीं एनएसयूआई ने छोटे-छोटे कॉलेजों में जीत दर्ज कर एबीवीपी को पछाड़ दिया। सुबह से ही चुनाव को लेकर माहौल गर्म था लेकिन छात्र-छात्राओं में मत प्रयोग को लेकर खासा उत्साह देखा गया। छात्राओं ने भी चुनाव में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। खासकर १० कॉलेजों को लेकर ज्यादा संवेदनशीलता बरती गई। सभी मतदाता छात्रों को आईडी कार्ड देखने के बाद ही मतदान के लिए प्रवेश दिया गया। सुबह ८ से १० बजे तक सीआर के चुनाव के लिए मतदान किया गया। इसके बाद दोपहर ३.३० से ४.३० बजे के बीच पदाधिकारियों के लिए मतदान किया गया। वहीं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से संबंधित ग्रामीण क्षेत्र के कॉलेजों में भी दोनों दलों ने बराबरी की जीत दर्ज की। संभाग में कुल १९० कॉलेजों में मतदान हुआ।

एनएसयूआई – कंफीडर्स, आईसेक्ट, टैगोर, मधुबन, यशवंतसिंह, रेडियेंट, विक्टोरिया, साहेब, लिब्रल, ऑक्सफोर्ड, केम्ब्रिज, ज्ञानोदय, परिजात, एनीबेसेंट, साईबाबा, इंदौर महाविद्यालय, न्यू एरा, वेंकटेश्वर, मातूश्री, जैन श्वेताम्बर, इज्बा, इंदौर इंदिरा, एसडी बंसल रिसर्च, वैष्णव लॉ कॉलेज से सह सचिव रक्षिता नरवरिया, मॉडर्न, बीएम लॉ व मैनेजमेंट, एलकेसीटी, मथुरादेवी टेक्नोलॉजी व मैनेजमेंट सहित अन्य कॉलेजों में जीत दर्ज की है।
एबीवीपी – लॉ कॉलेज, मेडिकेप्स, आईपीएस, वैष्णव कामर्स-मैनेजमेंट, एसआईसीसी, माहेश्वरी कॉलेज, महाराजा रणजीत सिंह, अरिहंत, प्रेस्टिज, सॉफ्टविजन, चमेलीे देवी, खालसा, इल्वा, संस्कार, अरविंदो, चोइथराम, क्लॉथ मार्केट, रेनेसा, गुजराती प्रोफेशनल, सेंट पॉल आदि कॉलेजों में जीत हासिल की।

दो नंबरियों ने खूब लाया जोर

विधानसभा २ के नेताओं ने एबीवीपी की तरफ से सभी कॉलेजों में खूब जोर लगाया। खासकर अपने क्षेत्र के १० कॉलेजों में सत्तापक्ष की रंगदारी भी खूब दिखाई। सॉफ्टविजन, कन्याकुंज, गुजराती, प्रेस्टिज, क्रिश्चियन एमीनेंट, रेनेसा, एलेक्सिया, पॉयोनियर, सिका, इज्बा कॉलेज में आकाश विजयवर्गीय, चंदू शिंदे, रत्नेश मेंदोला, दीपेश यादव सहित अन्य पार्षद व नेता कार्यकर्ताओं की फौज लेकर कॉलेजों में दिनभर डटे रहे। एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अमित पटेल ने आरोप लगाया कि दो नंबरी नेता उनके प्रत्याशियों को रविवार रात से ही फोन लगाकर डराने-धमकाने में जुट गए थे। वहीं कुछ प्रत्याशियों को तो चुनाव में हिस्सा लेने से ही रोक दिया गया। उक्त कॉलेजों में विवाद की स्थिति को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। इधर, पार्षद चंदू शिंदे पर तो मतगणना के दौरान ही कॉलेज में प्रवेश कर प्रत्याशियों के जीत की घोषणा करने का आरोप भी लगाया है। इसके अलावा क्षेत्र के सभी कॉलेज मालिकों पर भी दो नंबरी अपने दबाव-प्रभाव का इस्तेमाल करने से बाज नहीं आए। एनएसयूआई की ओर से प्रदेशाध्यक्ष विपिन वानखेड़े, महक नागर, मोनिका मंडारे, पंकज प्रजापति सहित अन्य छात्रनेताओं ने खूब जोर लगाया। जबकि एबीवीपी से राष्ट्रीय मंत्री रोहिन राय, नगरमंत्री नयन दूबे, सन्नी सोनी आदि ने मैदान संभाला।

कांग्रेसी नेता रहे दूर

जहां सरकारी कॉलेजों में चुनाव के दौरान जहां कांग्रेस के सभी पदाधिकारी और संगठन के नेता सक्रिय दिखे थे, वे सभी निजी कॉलेजों में सोमवार को हुए चुनाव से गायब रहे। जबकि इन्हीं कॉलेजों में सबसे ज्यादा गहमागहमी का माहौल देखने को मिला। पूरे चुनाव में एनएसयूआई बगैर किसी बड़े नेता के साथ के अपने दम पर लड़ी और छोटे कॉलेजों में बढ़त के साथ जीत दर्ज की। वहीं दूसरे और एबीवीपी के साथ दो नंबरी नेताओं के अलावा अन्य विधानसभा के नेताओं ने भी जमीनी स्तर पर जोर लगाया।
विवाद भी हुए चुनाव में

चुनाव के दौरान कई मौकों पर एबीवीपी और एनएसयूआई आमने-सामने आ गई। यहां तक की बात हाथपाई और मारपीट तक भी पहुंच गई। हालांकि पर्याप्त पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद छात्र नेताओं को भाजपा के नेता डराने-धमकाने में लगे रहे। वहीं क्रिश्चियन कॉलेज में मेरिट के आधार पर चुनी गई छात्रा को एनएसयूआई के नेता अपने साथ बैठाकर कॉलेज पहुंचे तो एबीवीपी के छात्रों ने उसे घेर लिया। इस पर छात्रा ने रोना शुरू कर दिया जिस पर पुलिस ने छात्रा को निकाला। इसे लेकर दोनों पक्षों में हल्की झड़प भी हुई। इसके अलावा एक छात्र के पिता ने तो अपने बेटे के दो दिन बाद मिलने की बात भी कहीं।

एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष ने खुद को बताया कॉलेज मालिक

जीत को लेकर दोनों पक्षों में रविवार रात से ही जोर लगाना शुरू कर दिया था। एलेक्सिया कॉलेज में आकाश विजयवर्गीय ने जीत हासिल करने के लिए बलजीतसिंह चौहान को जिम्मेदारी दी थी। इस पर दलजीत ने प्रतिनिधियों को चुनाव में उतरने के लिए अपनी पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन दोपहर एक बजे अचानक एबीवीपी के एक प्रत्याशी को निरस्त कर दिया। इसके पहले दलजीत और एनएसयूआई प्रदेशाध्यक्ष विपिन वानखेड़े की फोन पर बातचीत भी खासी वायरल हुई। इसमें वानखेड़े ने खुद को कॉलेज का मालिक व पार्टनर बताते हुए बलजीत से हस्तक्षेप करने से मना कर दिया। दोनों के बीच खासी बहस भी हुई। इधर, वानखेड़े का कहना है कि प्रिंसिपल पर दबाव बनाया जा रहा था, जिसके कारण उन्होंने इस तरह की चर्चा की।

Hindi News / Indore / एनएसयूआई ने मनाया जश्न, कई कॉलेजों में फहराया परचम

ट्रेंडिंग वीडियो