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इंदौर

इस जैन मंदिर में पत्थर और कांच का अनुपम प्रयोग, साल में एक बार होता है महामस्तकाभिषेक

नसिया रोड का पाश्र्वनाथ दिगंबर मंदिर : साल में एक बार होता है ११० साल पुराने मानस्तंभ का महामस्तकाभिषेक

इंदौरSep 07, 2019 / 11:28 am

रीना शर्मा

इस जैन मंदिर में पत्थर और कांच का अनुपम प्रयोग, साल में एक बार होता है महामस्तकाभिषेक

इस जैन मंदिर में पत्थर और कांच का अनुपम प्रयोग, साल में एक बार होता है महामस्तकाभिषेक

इंदौर. नसिया रोड स्थित पाश्र्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर होलकर राज्य की वास्तुकला से पटा नजर आता है। इस मंदिर की विशेषता है कि इसके निर्माण में लाल पत्थर और कांच का उपयोग किया गया है यानी पत्थर और कांच का अनुपम उदाहरण यहां देखने को मिलता है। दर्शन के लिए मंदिर दिनभर खुला रहता है।
इस मंदिर में यात्रियों के ठहरने के लिए धर्मशाला भी है। सरवटे बस स्टैंड के नजदीक मंदिर बनाया गया, ताकि धर्मशाला में ठहरने वाले और बाहर से आने वालों को भी प्रभु के दर्शन का लाभ मिले। सर सेठ हुकमचंद कासलीवाल परिवार ने साल 1989 में इसका निर्माण कराया।
इस जैन मंदिर में पत्थर और कांच का अनुपम प्रयोग, साल में एक बार होता है महामस्तकाभिषेक
फिर से संवारा

कुछ समय पहले मंदिर में लगे कांच खराब होकर गिरने लगे थे। जयपुर के कारीगरों के जरिए इन्हें फिर संवारा गया। अब मंदिर का स्वरूप और निखर आया है और ये इसकी सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं।
शांतिनाथ और बाहुबल की 6 फीट की प्रतिमा

यहां काले पत्थर की 5 फीट ऊंची चिंतामणि पाश्र्वनाथ भगवान की प्रतिमा है। साथ ही भगवान शांतिनाथ और बाहुबली भगवान की 6 फीट की प्रतिमा है। धर्मेंद्र जैन ने बताया, यहां ११० साल पुराने मान स्तंभ का महामस्तकाभिषेक हर साल क्षमावाणी पर्व पर किया जाता है। वे बताते हैं, इंदौर के पांच प्राचीन मंदिरों में यह मंदिर शुमार है।

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