Lonavala waterfall tragedy: बीते दिन मुंबई के पास लोनावाला (Lonavala Incident) से एक बड़ा हादसा सामने आया है। लोनावाला में छुट्टियां मनाने गए एक ही फैमिली के पांच सदस्यों की दर्दनाक मौत हो गई है। हादसे का चौंकाने वाला वीडियो भी सामने आया है। बारिश का मौसम शुरू होते ही लोग शहर के आसपास के वाटरफॉल का लुत्फ उठाने निकल रहे हैं। यहां एक गलती मौत के पानी में धकेल सकती है। सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर सिस्टम में तो लापरवाही है ही, कई युवा भी यहां खतरे मोल लेने से बाज नहीं आ रहे हैं।
सुरक्षा के दावे तो खूब करते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं। इस साल भी शहर के आसपास के वाटरफॉल में सुरक्षा की दृष्टि से कई खामियां हैं। इंदौर से करीब 28 किमी दूर स्थित तिन्छा वाटरफॉल का पत्रिका टीम ने सोमवार को जायजा लिया तो अव्यवस्थाओं के साथ कुछ युवा हादसे को न्यौता देते नजर आए।
दिखावे के हैं सूचना बोर्ड
तिन्छा वाटरफॉल में युवा टूटी हुई रेलिंग से कूदकर जान खतरे में डालते हुए नीचे पानी के पास जा रहे हैं। यहां के सूचना बोर्ड केवल दिखावे के हैं। पुलिस तैनाती न होने से लोग बेधड़क वाटरफॉल के नीचे जा रहे हैं। लोगों को ऐसा करने से रोकने की बजाय स्टॉफ का ध्यान पार्किंग के नाम पर पैसे की वसूली में है। इसीलिए अगर आप मध्यप्रदेश की इन 3 जगहों पर मानसून के मौसम में घूमने का प्लान कर रहे हैं तो सतर्क हो जाएं।
पातालपानी इंदौर से करीब 27 किलोमीटर दूरी पर स्थित पर्यटक स्थल पातालपानी सबसे आकर्षक माना जाता है। कुछ साल पहले ही लाखों रुपए खर्च कर इसका विकास किया गया था, जो अब धीरे-धीरे उजडऩे लगा है। यहां 300 मीटर ऊपर से पानी झरने के रूप में गिरता है, यह जितना खूबसूरत है, उतना ही खतरनाक भी है। यहां कई बार हादसे भी हो चुके हैं। वैसे तो यहां चारों ओर सुरक्षा के लिए रेलिंग भी लगी हुई हैं। बावजूद भी असामाजिक तत्व रेलिंग से कूदकर वाटरफॉल के नजदीक जाने की कोशिश में हादसे का शिकार होते रहते हैं।
मेहंदी/बामनिया कुंड इंदौर से 35 किलोमीटर दूर स्थित मेहंदी कुंड/बामनिया कुंड में पर्यटकों की सुरक्षा के लिए यहां के झरने के आसपास ना तो रेलिंग लगी है और ना ही कहीं पुलिस जवानों की तैनाती रहती है। यहां जाने वाले रास्ते से लेकर वाटरफॉल तक कोई सांकेतिक चिन्ह या बोर्ड नहीं लगे हैं। इस कारण पर्यटक बेधडक़ घूमते हैं।
चोरल डेम इंदौर से करीब 40 किलोमीटर दूर स्थित चोरल डेम पर भी सुरक्षा को लेकर खास बंदोबस्त नहीं है। असामाजिक तत्वों को रोकने व कार्रवाई करने वाले जिमेदार भी कहीं नजर नहीं आते हैं। इसी वजह से पहले भी यहां पानी में डूबने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। स्थानीय पुलिस-प्रशासन की ओर से किसी तरह की रोकटोक नहीं है। सांकेतिक चिन्ह भी कई साल पहले लगाए गए थे, जिनके बोर्ड भी अब उखड़ चुके हैं। इसी वजह से सैलानी यहां डेम के खतरनाक स्थानों तक पहुंचने के साथ सेल्फियां लेते हैं।
तिन्छा और मोहादी वाटरफॉल वन विभाग के क्षेत्र में आते हैं। यहां की सुरक्षा को लेकर वन विभाग के अधिकारियों से बात हुई है। स्थानों को चिन्हित कर वहां सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे और सांकेतिक बोर्ड भी
लगाए जाएंगे। – गोपाल वर्मा, खुड़ेल एसडीएम
Hindi News / Indore / Lonavala Incident: कहीं आपके साथ न हो जाए लोनावला जैसा हादसा.. इन 3 स्पॉट पर जाएं तो रहे अलर्ट