जीतू से फोन पर बहस के बाद 4 जनवरी को कालरा के घर 40 से 50 बदमाशों के हंगामा और हमला करने की घटना पर शहर में नाराजगी है। 22 दिन बाद भी जीतू पर केस न दर्ज करने पर लोगों में आक्रोश है। पहले जीतू जूनी इंदौर थाने गया, वहां से एसीपी ऑफिस भेजा। वहां कमरे में बंद किया, ताकि किसी को खबर न लगे।
जीतू के आवाज देते ही दूसरे दिन भाई अभि उर्फ अभिलाष पेश
जीतू के वॉइस सैंपल देने के दूसरे दिन शनिवार को भाई अभि उर्फ अभिलाष देवतवार (30) भी पेश हो गया। उसे पुलिस ढूंढ़ रही थी। वीडियो फुटेज में दिख रहे 40 बदमाशों की गैंग पार्षद कालरा के घर लेकर अभि ही गया था। माना जा रहा है कि जीतू के इशारे पर अभि ने बदला लेने के लिए बदमाशों को इकट्ठा किया। कई बार पुलिस ने कुलकर्णी भट्ठा स्थित जीतू के घर दबिश दी थी। अब एसीपी देवेंद्र सिंह धुर्वे ने कहा, अभि को देर शाम कुलकर्णी भट्ठा से गिरफ्तार किया।
वॉइस सैंपल और वायरल ऑडियो का ट्रांसक्रिप्ट
एसआइटी प्रमुख एडिशनल डीसीपी आनंद यादव ने बताया, जीतू का वॉइस सैंपल लिया है। वायरल ऑडियो की वर्ड-टू-वर्ड ट्रांसक्रिह्रश्वट तैयार की, जिसमें जीतू और कालरा के बीच हुई बातचीत लिखी है। इसे फॉरेंसिक लैब भेजेंगे, जहां बारीकी से जांच होगी। रिपोर्ट में डेढ़ माह लग सकते हैं।
दबी जुबान में अपराधी प्रवृत्ति का जिक्र
पुलिस अफसरों ने दबी जुबान से माना कि जीतू की पृष्ठभूमि आपराधिक है। मामले में जितने आरोपी पकड़े हैं, सभी लगभग लिस्टेड बदमाश हैं। कालरा के घर हमले के दौरान मौजूद अपराधियों के खिलाफ साक्ष्य मजबूत होने के बावजूद जीतू को बचाने की कोशिशें साफ दिखाई दे रही हैं।
न्याय न मिला तो कोर्ट की शरण लूंगा
फोन पर जीतू से हुई बात की रिकॉर्डिंग मैंने पुलिस को दी है। पुलिस ने कॉल डिटेल निकाली, जो घटना से मैच कर रही है। फिर भी केस में जीतू का नाम नहीं है। पुलिस ने चुपके से जीतू के वॉइस सैंपल ले लिए, उसे छोड़ दिया। उसे गिरतार करना था। मुझे पुलिस से न्याय नहीं मिला तो मैं कोर्ट जाऊंगा। – कमलेश कालरा, पार्षद