मेघवाल समाज के पिछले 21 दिन से चल रहे धरने में कस्बा थाने के एसआई द्वारा माइक वगैराह हटाने और धमकाने पर महिलाएं उन पर टुट पड़ी। अचानक से घटे घटनाक्रम से माहौल गर्मा गया। जानकारी अनुसार मेघवाल समाज द्वारा 5 जनवरी से नाबालिग बालिका को बरामद करने की मांग को लेकर धरना दिया जा रहा है। सोमवार को मेघवाल समाज द्वारा थाने के घेराव का कार्यक्रम था, जिसके कारण अतिरिक्त पुलिस बल बुला रखा था।
नीमराना के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप रिणवा ने मेघवाल समाज के लोगों को जांच का ब्यौरा बताते हुए कार्रवाई का भरोसा दिला कर मामला शांत करवाना चाहा, जिस पर बैठक कर मेघवाल समाज के लोग चर्चा कर रहे थे। कांग्रेस नेता बस्तीराम यादव समाज के लोगों के साथ बातचीत कर रहे थे कि इसी दौरान बहरोड़ थाने के उपनिरीक्षक रविन्द्र कविया आए और माइक के तार हटा कर ले जाने लगे।
इस पर वहां बैठे लोगों ने उपनिरीक्षक कविया को रोकना चाहा तो उन्होंने कुछ बोला, जो अधिक लोगों को सुनाई नहीं दिया। इस पर कुछ लोगों ने विरोध स्वरूप उपनिरीक्षक रविन्द्र कविया को माइक से दूर कर दिया। मामले से आक्रोशित महिलाएं उपनिरीक्षक रविन्द्र कविया पर टुट पड़ी और मुक्के मारे। अचानक घटे घटनाक्रम से माहौल गर्मा गया।
बस्तीराम यादव ने महिलाओं एवं उपनिरीक्षक रविन्द्र कविया के बीच में आकर बचाव कर बाहर निकाला। हल्ला होने से कचहरी एवं आस-पास से भी लोग आ गए और मौके पर भारी भीड़ हो गई जिससे लोगों में रोष व्याप्त हो गया। शान्तिपूर्ण बैठे लोगों के साथ अभद्रता करने एवं माइक हटाने की घटना की कस्बे के लोगों ने निंदा करते हुए आन्दोलन में साथ देने की बात कही।
अब आमरण अनशन
21 दिन से मामले में धरना देने एवं सोमवार की घटना के बाद मेघवाल समाज की ब्लॉक अध्यक्ष बनवारी लाल गौठवाल की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें 27 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठेने का निर्णय किया। इधर, थाने के घेराव के चलते सुबह दस बजे से ही एसएसपी नीमराना प्रदीप रिणवा, डीएसपी तेजपालसिंह, मांढण, नीमराना, शांहजहांपुर सहित कई थानों के थानाधिकारी एवं जाब्ता मौजूद रहा, जिससे कचहरी के सामने दिनभर गहमागहमी का माहौल रहा। धरना-प्रदर्शन चल रहा था। पुलिस के साथ में ऐसी कोई बात नहीं हुई है। सब सामान्य है।
रणजीतसिंह सेवदा, थानाधिकारी बहरोड़
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