इंदोर शहर में परियोजना पूरी
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में परियोजना पूरी हो गई है इसके साथ ही राजस्थान के कोटा और अजमेर की सतगुरु कॉलोनी में स्मार्ट मोटर लगने की परियोजना पूरी हो चुकी है। जवकि, राजस्थान के जयपुर, टॉंक वृत, जोधपुर मकराना, पुष्कर, समेत 6 शहरों स्मार्ट मीटर लगाने की परियोजना चल रही है। इसे भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।
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मध्यप्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने की स्थिति
डिस्कॉम शहर | 2019-20 | 2020-21 |
एमपी पश्चिम देवास, मऊ | 27555 | |
उज्जैन, रतलाम, खरगौन एमपी पश्चिम इन्दोर | 49694 | 8836 |
प्रीपेड मीटर से बताए लाभ
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर से कई लाभ भी बताए हैं। इससे डिस्कॉम को कम कार्यशील पूंजी की जरूरत होगी। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को देरी से मिलने बाली बिजली के बिल की झंझट से मुक्ति मिलेगी।
इंदाैर जिले का महू शहर मध्य प्रदेश का पहला 100 फीसदी स्मार्ट मीटर वाला शहर बन गया है। बिजली कंपनी की ओर से यहां रेडियो फ्रिक्वेंसी पद्धति पर आधारित 14 हजार 600 घरेलू और व्यवसायिक स्मार्ट मीटर लगाए हैं। यानी अब इस शहर में स्थित हर उद्योग, घर, दुकान, स्कूल, ट्रांसफार्मर सभी जगह स्मार्ट मीटर लगा दिये गए हैं।स्मार्ट मीटर लगने से उपभोक्ता अब मोबाइल पर बिजली से जुड़ी जानकारी देख सकते हैं। इसके अलावा बिजली बचत के टिप्स भी उन्हें मिलते रहेंगे। मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर रेडियो फ्रिक्वेंसी स्मार्ट मीटर परियोजना के तहत ये कार्य किया गया है।
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राजस्थान में बिजली के स्मार्ट मीटर को लेकर कई शहरों में लोग विरोध कर रहे हैं। यहां तक कि राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री शांति घारीवाल भी इसको लेकर कई बार बयान दे चुके हैं। लोकसभा में इसको लेकर सरकार से सबाल किए गए। इस पर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लिखित जवाब में बताया कि विभिन्न योजनाओं के तहत स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इससे एग्रीगीट टेक्निकल एंड कमर्शियल लॉस को करीब 15 फीसदी तक कमी नोट की गई है। डिस्कॉमों ने जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगा दिए हैं, वहां 200-500 रुपए प्रति उपभोक्ता मीटर प्रति माह आय में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
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