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Fact Check : लक्षण न दिखें फिर भी होता है कोरोना? एक ही शहर में सामने आए 105 केस

ऐसे मरीज जिनमें सर्दी, जुकाम, खांसी जैसे कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते, फिर भी व्यक्ति संक्रमण का शिकार हो चुका होता है।

इंदौरApr 27, 2020 / 05:38 pm

Faiz

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Fact Check : लक्षण न दिखें फिर भी होता है कोरोना? सामने आए 105 केस

इंदौर/ मध्य प्रदेश समेत देशभर में कोरोना वायरस का प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ रहा है। सरकार और प्रशासन इसकी रोकथाम के लिए कई कड़े प्रयास कर रही है। हालांकि, इसी बीच सोशल मीडिया पर एक अलग तरह के वायरस की चर्चा जोरो पर है। चर्चा ऐसे कोरोना की है, जिसमें किसी तरह के सिम्टम्स ही नहीं है। इसे असिम्टमेटिक कोरोना कहा जा रहा है। ऐसे मरीज जिनमें सर्दी, जुकाम, खांसी जैसे कोरोना के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते, फिर भी व्यक्ति संक्रमण का शिकार हो चुका होता है। कई लोगों का कहना है कि, अब तक ऐसे लक्षण वाले मरीज चीन में ही सामने आए हैं, भारत में नहीं। फिलहाल, इसपर चर्चा काफी गर्म है।

 

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इंदौर तक पहुंचा असिम्टमेटिक कोरोना

आपको बता दें कि, सोशल मीडिया पर जिस असिम्टमेटिक कोरोना की काफी चर्चाएं है, जिसे लेकर कहा जा रहा है कि, ये भारत में नहीं आया है। बता दें कि, ये न सिर्फ भारत में बल्कि इस तरह के मरीज मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में ही सामने आ चुके हैं। शहर में अब तक कोरोना के ग्यारह सौ से अधिक मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें 105 से अधिक संक्रमित मरीज ऐसे भी हैं, जिनकी रिपोर्ट तो पॉजिटिव है, लेकिन उनमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं हैं। उन्हें अस्पताल की जरूरत भी नहीं पड़ रही है। सभी ठीक हैं। इन्हें अस्पताल के बजाए शहर के कोरोना केयर सेंटरों में रखा गया है। ऐसे मरीजों के कारण प्रशासन को क्वारंटाइन सेंटरों के साथ केयर सेंटर भी बनाने पड़ रहे हैं।

 

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शहर में की गई व्यवस्था

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बता दें कि, शहर में अब तक कोरोना के संदिग्ध मरीजों की देखरेख के लिए 46 क्वारंटाइन सेंटर बनाए गए थे। इन क्वारंटाइन सेंटर्स में बीते एक माह में करीब ढाई हजार से अधिक मरीजों की आवाजाही हो चुकी है। लेकिन 14 दिन पूरे होने और रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें सेंटरों से छोड़ दिया गया। अब इन सेंटरों में एक हजार लोग ही रह रहे हैं। कई सेंटर पूरी तरह खाली हो गए हैं। क्वारंटाइन सेंटरों का सबसे बड़ा फायदा ये रहा कि एक हजार में से 400 कोरोना संक्रमित इन सेंटरों से ही अस्पतालों में पहुंचे, क्योंकि वे पूर्व में संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे।

शहर में विकसित किये गए इन खास क्वारंटाइन सेंटरों में मरीजों की निगरानी को ही आवश्यक माना जा रहा है। उनकी दिनचर्या को नोट किया जा रहा है। साथ ही उन्हें ऐसी डाइट दी जा रही है, जिससे उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इम्यून सिस्टम मजबूत करने के लिए इन लोगों को अन्य डाइट के साथ साथ काढ़ा और च्वनप्राश दिया जा रहा है। उधर कई लोग खाने का मैन्यू एक जैसा रहने से परेशान भी हो गए हैं। उनका कहना है कि ज्यादातर आलू की सब्जी ही पार्सल में आती है। हालांकि, लोगों के मनोरंजन के मद्देनजर इन सेंटरों में म्यूजिक कार्यक्रम और योगा क्लासेस भी शुरू की गई हैं।

 

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दो हजार की क्षमता रखते हैं केयर सेंटर

कोरोना सेंटर प्रभारी विवेक श्रोत्रिय के मुताबिक, अभी तक शहर में तीन कोरोना कोविड केयर सेंटर तैयार किये जा चुके हैं। इनमें 105 उन मरीजों को रखा गया है, जिनमें अब तक कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं दिये हैं। ऐसे मरीजों को यहां निगरानी में रखा गया है। वाटर लीली, प्रेसिडेंट होटल और राबर्ट नर्सिंग होम में इन खास तरह के रोगियों को रखा गया है। इनकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ाकर दो हजार बेड की जा रही है। यहां मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस हमेशा तैनात रहती है, ताकि, किसी विपरीत परिस्थिति में काम आ सके। ताकि जरूरत पड़ने पर संक्रमितों को अस्पतालों में शिफ्ट किया जा सके।

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