पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। सतीश अब तक 554 लोगों के फर्जी सर्टिफिकेट, अंक सूची बनाकर लगभग 1.5 करोड़ कमा चुका है। एएसपी गुरुप्रसाद पारशर के मुताबिक, गहन जांच के बाद मुख्य आरोपी तक पहुंचे। वह सॉफ्टवेयर की मदद से अंक सूची बनाता था। जिन विवि की फर्जी अंक सूची जारी की, पुलिस उन्हें सूचना दे रही है। जिन लोगों ने फर्जी अंक सूची बनवाई, अब उनकी भी तलाश की जाएगी।
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ऐसे पकड़ में आया आरोपी
आरोपी देशभर के विश्वविद्यालय में कोर्स कराने के लिए फॉर्म भरवाता और फिर.फर्जी अंक सूची जारी कर देता था। हाल ही में एक व्यक्ति ने कोचिंग के जरिए कोर्स का फॉर्म भरा था। संस्था से उसे मार्कशीट दी गई। संबंधित विश्वविद्यालय की वेबसाइट से मार्कशीट की ऑनलाइन जानकारी लेने पर रिकॉर्ड नहीं मिला तो पुलिस को शिकायंत की।
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10-05 हजार रुपए लेकर बना देता था
आरोपी ने कई लोगों से सीधे 10-15 हजार रुपए लेकर फर्जी अंक सूची और सर्टिफिकेट जारी किए। आरोपी परीक्षा फॉर्म भरवाकर फर्जी मार्कशीट जारी कर देता था।
विश्वविद्यालयों की बनाता था अंक सूची
आरोपी सतीश गोस्वामी महाराष्ट्र, राजस्थान बोर्ड, विलियम केरी, मेवाड़, सनराइज, शंघाई, ओपीजीएस, एसआरके, आइसेक्ट और आरकेडीएफ विवि आदि के फर्जी सर्टिफिकेट बनाता था।
वही दूसरी ओर वाराणसी में नीट – 2021 परीक्षा के दौरान रविवार को सॉल्वर गैंग की एक छात्रा पकड़ी गई, जो दूसरे की जगह परीक्षा दे रही थी। क्राइम ब्रांच ने लड़की व उसकी मां को भी गिरफ्तार कर लिया। दोनों से सॉल्वर गैंग के अन्य सदस्यों के बारे में पूछताछ की जा रही है। सॉल्वर गैंग का मास्टर माइंड पटना का कोई ‘पीके’ बताया जारहाहै।पता चला कि किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के एक डॉक्टर के तार भी गैंग से जुड़े हैं