खास बात ये है कि इस टूल के जरिए एक ही स्थान पर खड़े रहकर राम मंदिर को 360 डिग्री तक देखा जा सकता है। साथ ही रामलला के वर्चुअल दर्शन भी किए जा सकते हैं। इतना ही नहीं, आने वाले समय में इस डिवाइस में टेक्नोलाजी को विकसित कर मंदिर के अंदर रामलला-पूजन के भी आलौकिक दर्शन कराए जाने की तैयारी की जा रही है। इस संबंध में कंपनी का कहना है कि वो जल्द ही इस विशेष डिवाइस को इंदौर के रेलवे स्टेशन, बस स्टाप के साथ साथ अन्य सार्वजनिक स्थलों पर लगाने की तैयारी कर रही है। जहां लोग निशुल्क भगवान श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए रेलवे को प्रस्ताव भेजने की तैयारी की जा रही है।
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शनिवार को श्री गोविंदराम सेकसरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान (एसजीएसआइटीएस) की ई-समिट में स्टार्टअप एक्सपो के दौरान इंदौर के कैरीना साफ्टलैब्स प्राइवेट लिमिटेड ने अपने खास तरह के वीआर डिवाइस को भी प्रदर्शित किया गया। यहां कंपनी ने लोगों को राम मंदिर के वर्चुअल दर्शन करने का अनुभव भी कराया।
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कंपनी के सीईओ और एमडी मयंक पांडे ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि इस देश में इन दिनों हर कोई श्री राम के दर्शन करने अयोध्या जाने की चाह रखे हुआ है, लेकिन कई लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए वहां चाहकर भी जा पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरी दादी भी कहती थीं कि जब श्रीराम मंदिर बनकर तैयार होगा तो दर्शन करने जाएंगी। लेकिन, मंदिर बनने से पहले दादीजी का निधन हो गया। मेरी दादी की तरह अब भी ऐसे कई लोगों की इच्छा होगी कि वो राम मंदिर के दर्शन करे लेकिन उम्र या तबियत के चलते उनका जा पाना संभव नहीं। ऐसे ही लोगों को मंदिर के वर्चुअल दर्शन कराने के उद्देश्य से कंपनी ने इस डिवाइस को तैयार किया है।
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उन्होंने बताया कि अब तक वीआर डिवाइस को कंट्रोलर या जायस्टिक की मदद से चलाया जाता है। हम इसे प्रोग्रामिंग के जरिए हैंड ट्रैकिंग एप्लीकेशन में बदलने पर काम कर रहे हैं। इससे सभी लोग वर्चुअल रूप से मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर अंदर प्रवेश करने का अनुभव कर सकेंगे। अपने हाथों से भगवान को फूल चढ़ाने और आरती करने का अनुभव भी करेंगे। इस तरह जो लोग अयोध्या स्थित राम मंदिर जाने में असमर्थ हैं, उन्हें मंदिर के वर्चुअल आलौकिक दर्शन का अपने शहर में रहकर ही अनुभव होगा।