scriptकेवल 1 रुपए में तैयार हुई है 98 Pages की 57 किलो वजनी यह किताब, इस खासियत से हजारों साल तक रहेगी सुरक्षित | 98 pages book made of brass in indore mp by an advocate lokesh Mangal only 1 rs help of people of 200 cities of india name is Samvidhan weight is 57 KG and 4 ft long | Patrika News
इंदौर

केवल 1 रुपए में तैयार हुई है 98 Pages की 57 किलो वजनी यह किताब, इस खासियत से हजारों साल तक रहेगी सुरक्षित

आप भी चौंक गए न यह टाइटल पढ़कर…जी हां केवल 98 pages की यह किताब 57 किलोग्राम की है। हैवी वेट के कारण इस किताब को हाथ में लेकर पढ़ना नामुमकिन है। ऐसे ही रोचक फैक्ट्स के साथ हम आपको बता रहे हैं इस किताब को आखिर लिखा किसने है और उन्होंने इतनी वजनी किताब क्यों तैयार की है?

इंदौरSep 08, 2023 / 01:38 pm

Sanjana Kumar

four_feet_long_fifty_seven_kg_brass_book_samvidhan_made_by_an_advocate_lokesh_mangal_indore_mp.jpg

आप भी चौंक गए न यह टाइटल पढ़कर…जी हां केवल 98 pages की यह किताब 57 किलोग्राम की है। हैवी वेट के कारण इस किताब को हाथ में लेकर पढ़ना नामुमकिन है। ऐसी ही कुछ खासियत के साथ यह किताब इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि इस किताब में संयुक्त राष्ट्र के 193 देशों के संविधान की कुछ खास बातें लिखी गई हैं। वहीं यह किताब हमेशा सुरक्षित रहने वाली है इसके पेजेज कागज की किताबों की तरह आसानी से कटने या फटने वाले नहीं हैं। ऐसे ही रोचक फैक्ट्स के साथ हम आपको बता रहे हैं इस किताब को आखिर लिखा किसने है और उन्होंने इतनी वजनी किताब आखिर क्यों तैयार की है?

आपको बता दें कि यह किताब आम किताबों जैसी नहीं है। यह पीतल से तैयार एक किताब है। इसे मध्यप्रदेश के इंदौर में एक वकील ने तैयार किया है। केवल 98 पेजेज की यह किताब 57 किलो वजनी है जिसके कारण इसे हाथ में लेकर पढ़ा नहीं जा सकता। इंदौर के इस वकील का नाम है लोकेश मंगल। लोकेश मंगल ने इस किताब में 193 देशों के प्रतीकों को शामिल करते हुए 4 फुट लंबी पीतल की यह किताब बनाई है। लोकेश मंगल ने 193 देशों के अद्वितीय प्रतीकों को इस किताब में शामिल किया है।

किताब का टाइटल है ‘संविधान’

पीतल की इस किताब में संयुक्त राष्ट्र के 193 सभी सदस्य देशों के संविधान का कोई न कोई हिस्सा शामिल किया गया है। इसीलिए इस किताब का नाम संविधान रखा गया है। 6 साल में बनकर तैयार हुई किताब इस किताब की खासियत यह भी है कि यह किताब पूरे 6 साल में बनकर तैयार हुई है। पीतल की इस किताब में पीतल के पेजों पर चित्रों को उकेरते हुए डिजाइन किया गया है। वहीं इस किताब को हजारों वर्ष तक सहज कर रखना आसान हो गया है।

2017 में शुरू किया था किताब का काम

वकील लोकेश मंगल ने 2017 में इस किताब का निर्माण कार्य शुरू किया था। 6 साल की मेहनत के बाद 217 घंटे में किताब की लेजर प्रिंटिंग की गई है, यह जन सहयोग से संभव हो पाया है। वहीं इस किताब के खर्च में केवल भारत के लोगों से ही आर्थिक सहयोग लिया गया है।

केवल 1 रुपए में बनी है यह किताब

इस किताब को तैयार करने में देश के 200 शहरों के 42000 लोगों से सिर्फ 1-1 रुपए की फंडिंग की गई है और मात्र 7 घंटे में 42000 रुपए जमा हो गए। इसे बनाने वाले वकील लोकेश मंगल का कहना है कि वे ऐसी चीज बनाना चाहते थे जो हमेशा बरकरार रह सके। 193 देश को संविधानों को चित्रों के माध्यम से समेटने का काम शुरू हुआ तो भाषा बहुत बड़ी समस्या थी। इसलिए लोकेश मंगल ने चित्रों को चुना, कागज की आयु सीमित होती है इसलिए उन्होंने कागज के बजाय धातु को चुना। धर्म गुरु पीतल को शुद्ध मानते हैं। इसीलिए लोकेश मंगल ने पीतल धातु पर किताब तैयार करने का निर्णय लिया। इसके निर्माण में सहयोग देने वालों में फंडिंग करने वालों की संख्या जहां 42000 रही, तो किताब तैयार करने में मदद करने वालों की संख्या 350 रही। यानी इस किताब को 350 लोगों ने मिलकर 6 साल में तयार किया है।

आम से लेकर खास सभी ने की मदद

लोकेश मंगल बताते हैं कि इस काम में सामान्य लोगों के अलावा नेता, प्रशासनिक अधिकारियों ने भी हिस्सा लिया। शुरू में इस किताब का कार्य छोटे स्तर पर शुरू किया था लेकिन, इसका अंत काफी बड़ा रहा। वकील लोकेश मंगल कहते हैं कि वे आश्वस्त थे कि इसे पूरा कर ही लेंगे।

कवर पेज पर अंबेडकर की जन्मस्थली महू से जारी प्रतीक चिह्न

उन्होंने कहा कि पहला पेज कवर के रूप में रखा गया है जिसमें बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की 132वीं जयंती पर उनकी जन्मस्थली महू से जारी प्रतीक चिह्न को शामिल किया गया है। वहीं मुख्य रूप से इस पीतल की किताब में प्रत्येक देश का राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह शामिल किया है, वहां के बैंक, आर्मी, नेवी, राष्ट्रीय फल, पक्षी, पेड़, संस्कृति और वहां की न्याय व्यवस्थाओं की सभी चीजों को इस किताब में जगह दी गई है।

Hindi News / Indore / केवल 1 रुपए में तैयार हुई है 98 Pages की 57 किलो वजनी यह किताब, इस खासियत से हजारों साल तक रहेगी सुरक्षित

ट्रेंडिंग वीडियो