उन्होंने कहा कि नेत्रावती पुल के निर्माण से पहले कोटेपुरा व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र था, जहां बंदरगाह से माल उतारा और लोड किया जाता था और फिर उसे केरल ले जाया जाता था। पुल 12 मीटर चौड़ा होगा। इसका डिजाइन इस तरह से तैयार किया जाएगा कि लोगों को अरब सागर का नजदीक से नजारा देखने को मिले। पुल का काम पूरा होने के बाद एनएच 66 पर पंपवेल के जरिए 50 फीसदी ट्रैफिक कम हो जाएगा। बंदर, कुद्रोली और बोलारा के सभी लोग इसका इस्तेमाल कर सकेंगे और यह एनएच 66 का विकल्प भी होगा। इसके अलावा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कोटेपुरा से केरल सीमा तक समुद्र किनारे सड़क बनाने की भी योजना है। खादर ने कहा, 62 करोड़ रुपए की लागत से सजीपा नाडु से थुंबे तक एक और पुल बनाया जाएगा। इस पुल से अरकुला, मेरामाजालू और थुंबे के लोगों को फायदा होगा। पुल के बिना सजीपा के निवासियों को थुंबे पहुंचने के लिए मेलकर, बंटवाल से होकर यात्रा करनी पड़ती है। इन पुलों को मंजूरी दिलाना मेरा सपना था और मैंने स्पीकर चुने जाने से पहले मुख्यमंत्री के सामने मांग रखी थी।